भोपाल। अरब सागर में सक्रिय चक्रवात ने मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव की दस्तक दे दी है। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर बने इस चक्रवाती तंत्र ने हवाओं का रुख बदल दिया है। हवाओं के साथ नमी आने से प्रदेश के कई इलाकों में बादल छा गए हैं, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दो से तीन दिनों तक आसमान में बादलों का डेरा रहेगा और कई जगह हल्की बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। इस बार दीपोत्सव पर भी मौसम का यह बदला मिजाज लोगों को भिगो सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के अनुसार, अरब सागर में बने चक्रवात के प्रभाव से हवाओं का रुख पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिशा की ओर हो गया है। इन हवाओं में नमी के कारण वातावरण में आर्द्रता बढ़ी है, जिससे कई शहरों में बादलों की परत दिखाई देने लगी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है।
प्रदेश के 24 जिलों भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और राजगढ़ में कहीं-कहीं फुहारें पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्थिति 19 अक्टूबर तक बनी रह सकती है, जब अरब सागर का चक्रवात कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में अरब सागर का यह चक्रवात हवा के ऊपरी हिस्से में सक्रिय है और धीरे-धीरे इसका असर मध्य भारत तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हवाओं में नमी बढ़ेगी, वैसे-वैसे बादलों की घनत्वता भी बढ़ेगी। इससे रात के तापमान में गिरावट की संभावना नहीं है, जबकि दिन के तापमान में मामूली कमी आ सकती है। उधर, मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात में खंडवा और नौगांव प्रदेश के सबसे ठंडे शहर रहे, जहाँ न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश के 17 शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। दिन में सर्वाधिक तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस भी खंडवा में ही दर्ज हुआ। भोपाल में न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री, ग्वालियर में 18, इंदौर में 18.2, उज्जैन में 20 और जबलपुर में 20.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में पूर्वी हवाएं बह रही हैं और इनमें पर्याप्त नमी मौजूद है। इसी कारण मध्य प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। यह स्थिति कम से कम अगले तीन दिनों तक बनी रह सकती है। इसके बाद यदि हल्की बारिश होती है तो दिन का तापमान तेजी से घट सकता है। इस बीच, भोपाल, इंदौर और सागर संभाग में रातें ठंडी होने लगी हैं। पारा 17 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा चुका है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से उत्तरी हवाएं सक्रिय हो गई हैं, जो मध्य प्रदेश में ठंडक ला रही हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। इस बार मानसून ने लगभग 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहकर वर्षा दी। 16 जून को मानसून की शुरुआत हुई थी और 13 अक्टूबर को उसकी वापसी घोषित की गई। इसके बावजूद अरब सागर की मौजूदा गतिविधियों के चलते बारिश की संभावना बनी हुई है।
विभाग ने आज यानी कि 16 से 18 अक्टूबर के बीच प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। अरब सागर के चक्रवात और हवाओं की दिशा के संयुक्त प्रभाव से नमी बनी हुई है। इस वजह से मौसम में हल्की ठंडक और फुहारों का दौर जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि अगले दो दिनों में बादल सक्रिय रहे तो प्रदेश के कई हिस्सों में दीपोत्सव की रात भी हल्की फुहारों से भीग सकती है।
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