मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद देशवासी गुस्से में हैं। नफरत और दुश्मनी हमारा स्वभाव नहीं है, लेकिन लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। हमें बुराई को खत्म करने के लिए ताकत दिखानी होगी। ताकत होने और उसकी जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है यह दिखाने का कि हमारा देश कितना शक्तिशाली है। हम सबके दिलों में दर्द है। सभी भारतीय जाग चुके हैं। ऐसे हमलों को रोकने के लिए समाज में एकता जरूरी है। डॉ. भागवत विलेपार्ले के दीनानाथ थिएटर में गुरुवार रात को आयोजित चौथे लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रावण भगवान शिव का भक्त था लेकिन उसके आसपास कुछ ऐसी चीजें थीं जिन्हें समझाया और सुलझाया नहीं जा सका। इसीलिए भगवान राम को उसका वध करना पड़ा। कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें समझाने से कोई समस्या हल नहीं होगी। उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।
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