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किरोड़ीलाल मीणा के छापे से उड़ी कृषि विभाग की नींद, मिलावट करने वाली फैक्ट्रियों पर होगा ये सख्त एक्शन

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राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने अजमेर के किशनगढ़ में नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापा मारकर प्रदेश की धरती को बंजर बनाने के खेल का पर्दाफाश किया है। मौके पर मिले नकली खाद मानकों पर खरे नहीं उतरे। नकली खाद में तय मानकों से अधिक खतरनाक मार्बल स्लरी और जिप्सम पाउडर पाए जाने पर राज्य का कृषि विभाग भी सकते में आ गया। अब विभाग ने संबंधित फैक्ट्रियों के संचालकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। वहीं, दूसरी ओर विभाग के निरीक्षक अब क्षेत्र की फैक्ट्रियों से सैंपल लेने के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं।

यह है मामला

देश भर में संगमरमर नगरी अजमेर के किशनगढ़ के आसपास के ग्रामीण इलाकों में तैयार हो रहे नकली खाद की सप्लाई की सूचना पर राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने पिछले दो दिनों में फैक्ट्रियों पर छापा मारा। उनका कहना है कि इन फैक्ट्रियों में एक नामी कंपनी (इफको) के लिए माल तैयार किए जाने के भी संकेत मिले हैं। इस संबंध में कंपनी के अधिकारी को बुलाकर जानकारी ली गई है।

मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने की छापेमारी, पत्रिका फोटो
कंपनी का टैग लगाकर इस नकली खाद को बेचने से न केवल साख खराब हो रही है, बल्कि किसानों के खेत बंजर होने का भी खतरा है। इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह को भी अवगत करा दिया गया है। इन फैक्ट्रियों से लाखों टन नकली खाद और कच्चा माल जब्त किया जा चुका है। यहां नकली खाद बनाने का काम पिछले कुछ सालों से सुनियोजित तरीके से चल रहा था। फिलहाल छापेमारी के बाद अधिकांश फैक्ट्रियों के संचालक मौके से फरार हो गए हैं।

छापेमारी से हड़कंप, विभाग सैंपल लेने में जुटा
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने नकली खाद फैक्ट्रियों पर छापेमारी की तो फैक्ट्री संचालक फरार हो गए। अब कृषि विभाग फैक्ट्री संचालकों के बारे में जानकारी जुटाने और नोटिस जारी कर जवाब मांगने की कार्रवाई कर रहा है। विभाग के निरीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में संचालित खाद फैक्ट्रियों से सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।

खाद से अल्पावधि उपज बढ़ी, भूमि की गुणवत्ता घटी

कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण संयुक्त निदेशक केके मंगल का कहना है कि हरित क्रांति के दौरान खेती में रासायनिक खाद के बढ़ते उपयोग के कारण उपज में भी 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, इस दौरान भूमि की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए गोबर की खाद और राख का उपयोग बहुत जरूरी है। वहीं, अगर नकली खाद का लंबे समय तक उपयोग किया जाए तो भूमि की उपज पर निश्चित रूप से असर पड़ने वाला है।

रसायन भूमि को बंजर बना रहे हैं

नकली खाद में मिलाए जाने वाले मार्बल घोल में मौजूद कैल्शियम कार्बोनेट खेत में मिट्टी की ऊपरी परत को ठोस बना देता है, जिससे भूमि की जल सोखने की क्षमता कम हो जाती है। जिसका सीधा असर फसलों की उपज पर पड़ता है। अगर फसलों को मार्बल घोल पाउडर से जरूरी खनिज और पानी नहीं मिलता है तो भूमि की उपज क्षमता पर धीरे-धीरे नकारात्मक असर पड़ता है।

कृषि भूमि का पीएच-7 होना जरूरी

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खेती के लिए मिट्टी का पीएच-7 होना बहुत जरूरी है। मिट्टी का पीएच 7 से कम होने पर उसकी अम्लीयता बढ़ जाती है और पीएच 7 से अधिक होने पर उसकी क्षारीयता बढ़ जाती है। नकली खाद में मिलाए जाने वाले संगमरमर के घोल के पाउडर और जिप्सम से मिट्टी की क्षारीयता बढ़ जाती है। पीएच को बनाए रखने के लिए राख मिलाई जाती है।

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