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पर्यटन सीजन ऑफ होते ही शहर की व्यवस्थाओं का फ्यूज उड़ा, सड़कों से लेकर सफाई तक हाल बेहाल

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भीषण गर्मी के इस मौसम में पर्यटन बंद होते ही जिम्मेदार लोग जरूरी व्यवस्थाओं का ध्यान रखने की अपनी ड्यूटी भी बंद मान रहे हैं। शहर की साफ-सफाई, रात्रि प्रकाश व्यवस्था और सड़कों व गलियों के फर्श की खस्ता हालत के बावजूद जिम्मेदार लोग इस ओर आंखें मूंदे हुए हैं। शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मुख्य बाजारों से लेकर चौराहों व सड़कों पर नालियों का गंदा पानी हर रोज बिखरा नजर आता है। इसी तरह अंदरूनी हिस्सों की गलियों से लेकर मुख्य सड़कों पर रात्रि प्रकाश व्यवस्था कभी पूरी तरह बंद रहती है तो कभी कई लाइटें जलने के बावजूद फ्यूज नजर आती हैं। गलियों की सफाई का जिम्मा संभालने वाले जिम्मेदार लोग इनका निरीक्षण करने भी कम ही आते हैं। जिसके चलते कई जगहों पर नियमित सफाई होती है तो कई हिस्से इससे अछूते रह जाते हैं। नगर परिषद के पास सफाई के लिए अनगिनत संसाधन होने के बावजूद खासकर मलिन बस्तियों से लेकर रिहायशी कॉलोनियों तक में जगह-जगह गंदगी बिखरी रहती है। शराब पीकर बोतलें फोड़ने वालों की हरकतों का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ता है क्योंकि ऐसे इलाकों की सफाई में कई दिन लग जाते हैं। 

सड़कें मरम्मत की मांग कर रही हैं
शहर के मुख्य मार्गों पर कई स्थानों पर सड़कों पर गड्ढे हैं। जबकि अंदरूनी हिस्सों में इनकी हालत और भी खराब है। सड़कों पर कई स्थानों पर डामर उखड़ने के बाद कंक्रीट भी निकल आई है। छोटे-बड़े गड्ढे हैं जो पैदल चलने वालों से लेकर दोपहिया वाहन चालकों तक की परीक्षा ले रहे हैं।
शहर के लगभग हर चौराहे पर लगाई गई पत्थर की रेलिंग टूटी हुई हैं। उनमें लगे फव्वारों से पानी नहीं निकल रहा है और वहां धूल जम गई है।
मलिन बस्तियों और अन्य इलाकों में बड़ी संख्या में झाड़ियां उग आई हैं। इनकी सफाई हुए काफी समय हो गया है। इन झाड़ियों की वजह से सड़कों पर मच्छर पनपते हैं।


जलदाय विभाग की लाइनों में भी लीकेज की समस्या बनी हुई है। इससे न केवल कीमती पानी की बर्बादी होती है बल्कि सड़कें भी क्षतिग्रस्त होती हैं।
शहर में खुलेआम घूम रहे जानवरों को पकड़ने का काम भी फिलहाल धीमा पड़ गया है। ये आने-जाने वाले लोगों में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।

बाहरी कॉलोनियां हों या भीतरी हिस्सा, कुत्तों का आतंक हर जगह है। ये कुत्ते आए दिन लोगों को काट रहे हैं और घायल कर रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे इस समस्या का कोई समाधान नहीं है।
शहर में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्यों का मलबा और निर्माण सामग्री आसपास की सड़कों पर फेंक दी जाती है। इससे आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। इसके बावजूद ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए
इन दिनों शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। न तो नियमित सफाई होती है और न ही कचरा पूरी तरह से उठाया जाता है।

शोभा आचार्य, जैसलमेर
कई जगहों पर सड़कें और गलियां टूटी हुई हैं। इनकी लंबे समय से मरम्मत नहीं की जा रही है। जिससे आने-जाने वालों को परेशानी होती है।

नरपत राम, जैसलमेर
रात में लाइटिंग सिस्टम लगभग हर रोज काम करना बंद कर देता है। जिससे वाहन चलाना मुश्किल हो जाता है। दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।

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