राजस्थान के अजमेर शहर के हृदय डिग्गी चौक स्थित होटल नाज़ में 1 मई को लगी आग ने न केवल इमारत को जलाकर राख कर दिया, बल्कि 6 मासूम लोगों की जिंदगी भी हमेशा के लिए खामोश हो गई। इस भीषण हादसे में 3 पुरुष, 2 महिलाएं और 1 मासूम बच्चे की मौत हो गई। आग की लपटों से घिरे लोगों की चीखें, मदद के लिए उठे हाथ, मंजर इतना भयावह था कि जिसने भी देखा उसका दिल कांप उठा। इस हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया और किले में बने सभी होटलों और गेस्ट हाउसों का सर्वे कराया।
सर्वेक्षण डेटा एक सप्ताह में जारी किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को अजमेर नगर निगम एवं अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस सर्वेक्षण के संबंध में जानकारी एकत्रित की। उन्होंने पूछा कि अब तक कितने होटलों और गेस्ट हाउसों का सर्वेक्षण किया गया है। उनमें से कितने स्वीकृत हैं, उनमें कितनी मंजिलें हैं, क्या उनके पास ट्रेड लाइसेंस और फायर एनओसी है आदि। निगम अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अब तक 581 होटलों का सर्वेक्षण किया गया है। इसके बाद देवनानी ने निर्देश दिए कि इस सर्वे के आंकड़ों को एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाए ताकि आमजन को अपने क्षेत्र के होटलों के बारे में जानकारी मिल सके।
नये होटल के निर्माण के लिए प्रमाणपत्र आवश्यक
इतना ही नहीं देवनानी ने कहा कि नए होटल निर्माण, गेस्ट हाउस और व्यावसायिक निर्माणों को बिजली और पानी का कनेक्शन देने से पहले नगर निगम से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करना अनिवार्य होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने मानसून से पहले शहर में सभी नालों, जल प्रवाह मार्गों और जलभराव वाले क्षेत्रों की सफाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही गांधी भवन में लाइब्रेरी को अपग्रेड करने और एलिवेटेड रोड के नीचे दोपहिया वाहन पार्किंग का प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा। उन्होंने आनासागर से जलकुंभी हटाने, तालाब से आ रही दुर्गंध की समस्या का समाधान करने तथा चौपाटी के बाहर सड़क के दूसरी ओर वाहन पार्क करने के निर्देश दिए।