झालावाड़ जिले के सदर थाना इलाके में फरवरी 2018 में हुए बहुचर्चित आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश गलाना हत्याकांड में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रवीण राठौर और शाहरुख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही उन पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। मृतक आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश की पत्नी अनीता मीना और सह आरोपी संतोष निर्मल को 14-14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपियों ने आईबी अधिकारी को एनेस्थीसिया केटामाइन का ओवरडोज देकर मार डाला था। आरोपी प्रवीण राठौर के आईबी अधिकारी की पत्नी से अवैध संबंध थे।
इसी के चलते चेतन प्रकाश की पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ साजिश रचकर उसकी हत्या करवा दी। लोक अभियोजक दीपेश भार्गव ने बताया कि कोटा के रामगंज मंडी निवासी महादेव मीना ने आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश की मौत के समय जिला अस्पताल में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनका बेटा चेतन प्रकाश रामगंज मंडी से झालावाड़ के लिए निकला था। इस दौरान झालावाड़ शहर के पास रलायता रोड इलाके में उसका शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पीड़ित परिवार ने हत्या की आशंका जताते हुए सदर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ जांच की थी। बाद में पीड़ित परिवार ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कर झालावाड़ पुलिस विभाग में कांस्टेबल प्रवीण राठौर, आईबी अधिकारी की पत्नी अनीता मीना व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के लिए आवेदन किया था। इसे सीजेएम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। पुलिस जांच के दौरान प्रवीण राठौर, अनीता मीना, शाहरुख, संतोष निर्मल व फरहान को आरोपी बनाया गया था।
पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर गहन जांच की थी। बाद में इनके खिलाफ एससी एसटी कोर्ट में चालान पेश किया था। पुलिस जांच में पता चला था कि पुलिस कांस्टेबल प्रवीण राठौर के आईबी अधिकारी की पत्नी अनीता मीना से अवैध संबंध थे। आईबी अधिकारी को इसकी भनक लगने के बाद प्रवीण राठौर व चेतन प्रकाश के बीच झगड़ा शुरू हो गया था। इसके बाद प्रवीण राठौर ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर चेतन प्रकाश को अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाई। प्रवीण ने अपने साथियों के साथ मिलकर चेतन का अपहरण किया और फिर उसे एनेस्थीसिया केटामाइन का ओवरडोज देकर उसकी हत्या कर दी।
76 गवाह और 132 दस्तावेज पेश किए गए
सरकारी अभियोजक ने बताया कि करीब 7 साल तक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 76 गवाह पेश किए और 132 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किए। इसके बाद दस्तावेजों के आधार पर झालावाड़ एससी एसटी कोर्ट की न्यायाधीश सुनीता मीना ने बुधवार को प्रवीण राठौर और शाहरुख को आजीवन कारावास और अनिता मीना और संतोष निर्मल को 14-14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने एक आरोपी फरहान को बरी कर दिया है। बुधवार को कोर्ट के फैसले के बाद मृतक आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश के परिजनों ने संतोष जताते हुए इसे न्याय की जीत बताया।