राजस्थान के जालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग-325 बाईपास परियोजना के तहत सामतिपुरा रोड पर शनिधाम के पास रेलवे क्रॉसिंग पर आधुनिक रेलवे पुल का निर्माण किया जा रहा है। यह पुल 385 टन वजनी स्टील के गर्डरों से बनेगा और इसके बनने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही में बड़ी राहत मिलेगी। पुल निर्माण के लिए कुल 10 स्टील के गर्डर कार्य स्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रत्येक गर्डर की लंबाई करीब 45 मीटर है। इनका इंस्टालेशन हाइड्रोलिक तकनीक की मदद से किया जाएगा। गर्डर को स्लाइडिंग स्ट्रक्चर के साथ रेलवे ट्रैक के आर-पार लगाया जाएगा।
रेलवे ट्रैक को पार करते समय गर्डर को धकेलने के लिए 'क्रिब स्ट्रक्चर' का निर्माण किया जा रहा है। यह स्ट्रक्चर पुल की नींव को मजबूत करने में मदद करेगा। फिलहाल इसका काम अंतिम चरण में है और इसके पूरा होते ही गर्डर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। पुल के पास लोहे का मजबूत स्ट्रक्चर तैयार किया गया है, जो गर्डर को स्लाइड करने में मदद करेगा। इन भारी गर्डरों को हाइड्रोलिक सिस्टम से सावधानीपूर्वक पटरियों के ऊपर रखा जाएगा, ताकि रेलवे यातायात को बाधित किए बिना काम किया जा सके। पुल के दोनों सिरों को सीमेंटेड ब्लॉक से जोड़ने का काम भी समानांतर चल रहा है।
इस काम में पुल की ऊंचाई को समतल करने के साथ ही सड़क को पुल से जोड़ा जा रहा है, ताकि भारी वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। पुल रेलवे लाइन को क्रॉस करता है, इसलिए इसके लिए रेलवे से अनुमति लेना अनिवार्य है। रेलवे से ब्लॉक मिलते ही गर्डर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद पुल के ऊपरी हिस्से पर स्टील प्लेट और जोड़ लगाने का काम किया जाएगा। बाईपास परियोजना का यह सबसे महत्वपूर्ण काम है। इसके पूरा होते ही एनएच-325 बाईपास पूरी तरह चालू हो जाएगा। इससे न सिर्फ शहर के अंदर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि औद्योगिक और भारी वाहन भी इस मार्ग से आसानी से गुजर सकेंगे।