अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। संतान की दीर्घायु के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी। अहोई माता की पूजा की जाएगी। सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत शुरू होगा और तारों का उदय होने के बाद उन्हें अर्घ्य देकर महिलाएं व्रत खोलेंगी।पं. जयदीप शर्मा ने बताया कि अहोई अष्टमी 23 अक्टूबर की मध्यरात्रि को प्रारंभ होगी और 24 अक्टूबर की मध्यरात्रि को समाप्त होगी। उदयतिथि के अनुसार 24 अक्टूबर को दिनभर यह तिथि रहेगी। पूजा के लिए बाजार में अहोई माता की तस्वीर व चित्रों की मांग बनी रही। अहोई अष्टमी दीपावली से ठीक आठ दिन पहले आता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से माता की कृपा हमेशा बनी रहती है।
व्रत में इन बातों का रखें ध्यान
व्रती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए और रात में भजन कीर्तन करना चाहिए।
व्रती महिलाओं को सुई, चाकू और अन्य नुकीली चीजों का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
तुलसी के पत्तों को भूलकर भी न तोड़ें।
मिट्टी से जुड़ा कोई भी काम करने की मनाही होती है।
किसी से झगड़ा न करें और न ही किसी प्रकार के अपशब्दों का प्रयोग करें।
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