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स्थानांतरण और प्रमोशन नीति से नाराज़ ग्रेड थर्ड टीचर्स ने इस दिन जयपुर में किया धरने का एलान, शिक्षा विभाग पर बढ़ा दबाव

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राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के नेतृत्व में प्रदेशभर के शिक्षक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण व लंबित पदोन्नति करवाने को लेकर 2 जून को राजधानी जयपुर का घेराव करेंगे। शिक्षक बीएलओ सहित अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों से राहत देने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों में जागरूकता लाने के लिए संभाग स्तरीय वाहन काफिले का गुरुवार को हनुमानगढ़ पहुंचने पर संघ के जिला अध्यक्ष जगनंदन सिंह ने स्वागत किया। पटवार विस्तार भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वाहन काफिले में शामिल गुरमीत सिंह गिल ने कहा कि राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है, जबकि शिक्षकों का यह वर्ग सरकार की विभिन्न योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है।

वर्षों से स्थानांतरण का इंतजार कर रहे शिक्षकों से वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही पहले 100 दिन में स्थानांतरण का वादा किया था, जो डेढ़ साल बाद भी अधूरा है। राजनीतिक सम्पर्क वाले तथा तबादला गिरोह के सम्पर्क में रहने वाले शिक्षकों को मनचाही जगह ज्वाइन करने में कोई परेशानी नहीं है, जबकि इससे वंचित शिक्षकों को डार्क जोन, टीएसपी-नॉन टीएसपी क्षेत्र तथा प्रशासनिक कारणों के नाम पर परेशान किया जा रहा है। श्रीगंगानगर जिला मंत्री मनोहर सिहाग ने कहा कि शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण सभी संवर्गों की पदोन्नतियां लंबित हैं। पदोन्नति के बाद रिक्त पदों को स्थानांतरण व नई भर्ती के माध्यम से भरा जाए, ताकि शिक्षकों व बेरोजगार युवाओं को राहत मिल सके, जबकि राज्य सरकार ने पदोन्नति के मुद्दे को कोर्ट केस के नाम पर लंबित रखा है।

श्रीगंगानगर जिला अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद टाक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रथम व द्वितीय कक्षाओं को आंगनबाड़ी को सौंपने, प्रथम कक्षा में प्रवेश आयु 6 वर्ष करने, संस्थाओं को स्ववित्तपोषित करने, स्थानीय स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा व कलस्टर स्कूलों की अवधारणाएं सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद कर निजीकरण को बढ़ावा देंगी। संघ शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने के लिए संशोधन किए बिना इसके क्रियान्वयन का विरोध करता है। इन मांगों के समाधान के लिए संगठन ने 21 मई से 2 जून तक आंदोलन का आह्वान किया है। जिसमें 26 मई तक प्रत्येक ब्लॉक से वाहनों का काफिला गुजरेगा और शिक्षकों को जागरूक करेगा। 27 मई को सीकर, दौसा, टोंक और किशनगढ़ से शिक्षक पैदल मार्च करेंगे और 2 जून को राजधानी जयपुर का घेराव करेंगे। सरकार द्वारा मांगे पूरी नहीं करने पर स्थाई पड़ाव डाला जाएगा। संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं जिला मंत्री बृजलाल ने शिक्षकों से एकजुट रहने की अपील की।

हनुमानगढ़ जिला अध्यक्ष जगनंदन सिंह ने कहा कि शिक्षक वर्षों से दूर-दराज के जिलों में घर से दूर रह रहे हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण स्थाई भर्ती नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ रही है और हजारों स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। गैर शैक्षणिक कार्य के कारण शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और नामांकन लगातार कम हो रहा है। इससे सार्वजनिक शिक्षा कमजोर हो रही है। पुरानी पेंशन योजना पर भी सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है। इस मौके पर जिला मंत्री रामनिवास, उपाध्यक्ष दारा सिंह, संगठन मंत्री सोहन सिंह, संयुक्त मंत्री भरत सिंह, जितेंद्र सिंह, सुरेंद्र सहारण, अशोक कुमार, खुशजीवन सिंह, लक्ष्य चौधरी, मनसा राम, दयाराम, मलकीत सिंह मौजूद रहे।

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