हमास के नेता याह्या सिनवार के मारे जाने के बाद अब इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि इस ग्रुप का अगला नेता कौन होगा.
हमास के दो अधिकारियों ने बीबीसी को बताया है कि ग्रुप के नए नेता के चुनाव की चर्चा जल्द शुरू होगी.
अधिकारियों ने कहा कि सिनवार के डिप्टी ख़लील अल-हय्या को नेता के तौर पर सबसे मज़बूत उम्मीदवार माना जा रहा है. वो ग़ज़ा के बाहर हमास के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं.
क़तर में रह रहे अल-हय्या मौजूदा समय में इसराइल के साथ जारी संघर्ष विराम वार्ताओं में ग्रुप के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि ग़ज़ा में हालात की उनकी समझदारी और जुड़ाव बहुत गहरा है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करेंतेहरान में हमास के पूर्व नेता इस्माइल हनिया की हत्या के दो महीने के अंदर इसराइल के मोस्ट वॉटेंड व्यक्ति रहे सिनवार की मौत के बाद उनकी जगह लेने वाले नेता का चुनाव करने के लिए हमास नेता मीटिंग करेंगे.
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सिनवार को सात अक्तूबर के हमले का कर्ता-धर्ता बताया और कहा कि उनकी नियुक्ति, इसराइल के ख़िलाफ़ न झुकने वाले रवैया का एक सख़्त संदेश था.
जुलाई से संघर्ष विराम की वार्ता रुक गई है और कुछ लोगों का मानना है कि संघर्ष विराम समझौते में सिनवार का नेतृत्व एक बड़ा रोड़ा था.
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से कहा कि सिनवार की हत्या के बावजूद संघर्ष विराम को लेकर शर्तों और इसराइली बंधकों को रिहा किए जाने पर ग्रुप का पक्ष बदला नहीं है.
हमास ग़ज़ा से इसराइल के पूरी तरह पीछे हटने, सैन्य अभियान बंद करने, मानवीय सहायता जाने देने और युद्ध ग्रस्त क्षेत्रों के पुनर्निर्माण की मांग कर रहा है. इसराइल ने इन मांगों को साफ़तौर पर ठुकरा दिया है और मांग की है कि हमास को पूरी तरह सरेंडर करना होगा.
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की ओर से हमास को हथियार छोड़ने और सरेंडर किए जाने की हो रही मांग पर हमास के अधिकारियों ने कहा, “हमारे लिए सरेंडर करना असंभव है.”
उन्होंने कहा, “हम अपने लोगों की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और सरेंडर हमें स्वीकार नहीं होगा. जैसा सिनवार ने किया, हम आखिरी गोली और आखिरी सैनिक तक लड़ेंगे.”
सिनवार की हत्या, बीते कई दशकों में हमास को लगने वाले सबसे बड़े झटकों में से एक है. हालांकि उनकी जगह कौन लेगा, इसकी चुनौती के बावजूद 1990 के दशक से ही हमास का इतिहास रहा है कि ग्रुप का नया लीडर सामने आता है.
भले ही इसराइल ने हमास के अधिकांश नेताओं और संस्थापकों को मारने में कामयाबी हासिल की हो, लेकिन इस आंदोलन ने नए नेताओं को खोजने में अपनी क्षमता में लचीलेपन का परिचय दिया है.
इस संकट के बीच, ग़ज़ा में इसराइली बंधकों के भविष्य को लेकर और इस बात को लेकर भी सवाल बना हुआ है कि उनकी सुरक्षा और संरक्षण का जवाबदेह कौन होगा.
इस संदर्भ में याह्या सिनवार के भाई मोहम्मद सिनवार एक अहम व्यक्ति के रूप में उभरे हैं.
माना जाता है कि हमास के बचे हुए हथियारबंद ग्रुपों की वही अगुवाई कर रहे हैं और ग़ज़ा में इस आंदोलन के भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.
एक तरफ़ हमास इस गंभीर पल का सामना कर रहा है तो दूसरी तरफ़ ग़ज़ा में जंग जारी है.
शनिवार को जबालिया रेफ़्यूजी कैंप में इसराइली हमले में दर्जनों लोग मारे गए हैं. इसराइल का दावा है कि हमास यहां फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहा है.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि याह्या सिनवार की मौत हमास के लिए एक भूकंप के झटके जैसा है.
जब हमास ने अगस्त में इस्माइल हनिया की मौत के बाद उन्हें चुना था तो यह एक संदेश था कि हमास इसराइल के सामने झुकने नहीं जा रहा है.
लेबनान में हिज़्बुल्लाह के साथ इसराइल का संघर्ष और तीखा होता जा रहा है.
शनिवार को ही हिज़्बुल्ला ने इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के निजी आवास पर ड्रोन से हमला किया.
इसके बाद नेतन्याहू ने कहा, "हिज़्बुल्लाह ने मेरी हत्या की कोशिश करके बहुत बड़ी गलती की है."
इसराइल बेरूत और दक्षिणी लेबनान में हवाई और सैन्य हमले कर रहा है.
इसी महीने दूसरी बार ईरान की ओर से इसराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से किए गए हमले के बाद अभी तक इसराइल ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है.
लेकिन मध्य पूर्व के हालात पहले से भी ज़्यादा जोखिम वाले हो गए हैं. जबकि अमेरिका की ओर से लगातार संघर्ष विराम का दबाव बनाया जा रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा था कि ग़ज़ा में युद्धविराम समझौता लगभग 90% हो चुका है.
हालांकि सिनवार की हत्या के बाद युद्धविराम समझौते को लेकर हमास का क्या रुख़ होगा, ये आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा.
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