सऊदी अरब में अब विदेशी नागरिक भी प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे.
अब विदेशियों को यहां खरीदे गए रियल एस्टेट पर मालिकाना हक़ मिलेगा.
इस क़ानून को शुक्रवार 25 जुलाई को 'उम्म अल-क़ुरा गजट' में प्रकाशित कर दिया गया.
अब 180 दिनों के भीतर ये लागू हो जाएगा.
इस क़ानून को सऊदी अरब की नीति में बड़ा बदलाव बताया जा रहा है. जान लेते हैं कि इस क़ानून में नए क्या प्रावधान हैं और विदेशी नागरिक कैसे अब सऊदी अरब में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं.
क्या है इस क़ानून में
इस महीने की शुरुआत में सऊदी अरब कैबिनेट ने इस क़ानून को मंज़ूरी दी थी. इसके तहत विदेशी व्यक्ति, कंपनी, नॉन प्रॉफ़िट ऑर्गेजनाइेशन और निवेश संगठनों को देश के चिह्नित इलाकों में प्रॉपर्टी ख़रीदने या उस पर अधिकार रखने की मंज़ूरी दी गई है.
इन अधिकारों में ओनरशिप, प्रॉपर्टी लीज पर लेना, प्रॉपर्टी के इस्तेमाल (उपभोग) का अधिकार और रियल एस्टेट से जुड़े हित शामिल हैं. लेकिन ये अधिकार जगह, प्रॉपर्टी (ये किस तरह की है) और उसके इस्तेमाल पर निर्भर करेंगे.
- ओमान का इनकम टैक्स लगाने का फ़ैसला
- सऊदी अरब ने भारत के इन हज यात्रियों का क्यों रद्द किया कोटा, अब आगे क्या होगा?
- भारतीय मज़दूर काम की तलाश में कुवैत, क़तर और ओमान जैसे खाड़ी देशों में क्यों जाते हैं
सऊदी अरब में क़ानूनी तौर रहने का अधिकार रखने वाले विदेशियों को प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर निजी इस्तेमाल के लिए एक रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी ख़रीदने का हक होगा.
ग़ैर-सूचीबद्ध विदेशी कंपनियों, लाइसेंसशुदा निवेश फंड और स्पेशल-पर्पज़ व्हीकल्स (एसपीवी) को भी कर्मचारियों, रेज़िडेंशियल और ऑपरेशनल इस्तेमाल के लिए प्रॉपर्टी ख़रीदने का अधिकार होगा.
सबसे अहम बात ये है कि कुछ रेगुलेटेड शर्तों के साथ मक्का और मदीना के दायरे में आने वाली जगहों पर भी ऐसा किया जा सकता है.
राजनयिक मिशनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी प्रॉपर्टी ख़रीदने की इज़ाजत होगी, बशर्ते उन्हें विदेश मंत्रालय की मंज़ूरी मिली हुई हो और मूल देश में भी इस पर सहमति हो.
मक्का और मदीना में मालिकाना हक़ के लिए शर्तें बरकरार
भले ही मक्का और मदीना के दायरे में आने वाली जगहों पर प्रॉपर्टी ख़रीदने की इज़ाजत दी गई है. लेकिन इसके लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं.
इन दो शहरों में सिर्फ़ मुस्लिम व्यक्तियों को ही बेहद कड़ी शर्तों के तहत ही संपत्ति खरीदने की इज़ाजत होगी.
पहली बार गल्फ़ को-ऑपरेशन काउंसिल के सदस्य देशों के नागरिकों को इन इलाकों मे संपत्ति खरीदने की इज़ाजत दी गई है.
हालांकि इस मामले में सभी ग़ैर सऊदी नागरिकों के लिए नियम एक समान लागू होंगे.
- दुबई की महत्वाकांक्षी परियोजना दि वर्ल्ड का क्या हुआ?
- अरामको में एक बार फिर हिस्सेदारी बेचेगा सऊदी अरब, क्या है वजह
- नियोम इको-सिटी: सऊदी सुरक्षाबलों को ज़मीन ख़ाली करवाने के लिए 'जान से मारने का हुक्म'
सऊदी ग़ज़ट के मुताबिक़ सऊदी मंत्रिपरिषद, रियल एस्टेट जनरल अथॉरिटी और आर्थिक और विकास मामलों की परिषद तय करेगी. इसमें ये बातें शामिल होंगी.
- विदेशी नागरिक किन-किन भौगोलिक क्षेत्रों में संपत्ति खरीद सकते हैं.
- प्रॉपर्टी के मालिकाना हक़ की अधिकतम सीमा क्या होगी.
- इस्तेमाल या उपभोग अधिकार समय सीमा क्या होगी.

किसी भी प्रॉपर्टी लेन-देन से पहले ग़ैर-सऊदी खरीदारों को संबंधित अथॉरिटीज के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
प्रॉपर्टी का मालिकाना हक राष्ट्रीय रियल एस्टेट रजिस्ट्रार में एंट्री के बाद ही माना जाएगा.
विदेशी खरीदारों को 5 फ़ीसदी तक की प्रॉपर्टी ट्रांसफर फ़ीस देनी होगी.
- दुबई बारिश के पानी से क्यों हुआ बेहाल, व्यवस्था पर उठे सवाल
- सऊदी अरब में खुलेगी शराब की पहली दुकान, क्या इस्लामिक पहचान पड़ेगी कमज़ोर?
- हलाल हॉलिडेज़ क्या है और मुसलमानों में क्यों बढ़ रही है इसकी मांग
अगर कानून का उल्लंघन होता है तो एक करोड़ सऊदी रियाल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
गलत या झूठी जानकारी देने पर सरकार संपत्ति को जब्त कर सकती है और उसकी बिक्री से प्राप्त राशि सरकारी खाते में जाएगी.
एक विशेष प्रवर्तन समिति का गठन किया गया है जो उल्लंघनों की जांच करेगी.
इसके फ़ैसलों के ख़िलाफ़ 60 दिनों के भीतर अदालत में अपील की जा सकेगी.
कुछ सवाल हैं जो अब भी आपके मन में उठ रहे होंगे.
क्या कोई भी विदेशी नागरिक सऊदी अरब में कहीं भी प्रॉपर्टी खरीद सकता है?
नहीं, विदेशी नागरिकों के लिए मालिकाना हक को सरकार द्वारा निर्दिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित रखा गया है. पवित्र शहरों (मक्का, मदीना) में अब भी प्रॉपर्टी खरीद को लेकर सख्त पाबंदियां कायम हैं.
क्या होगा, अगर कोई विदेशी मालिकाना हक संबंधी नियमों का उल्लंघन करता है?
ऐसे मामलों में एक करोड़ सऊदी रियाल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. गंभीर उल्लंघन के मामलों में सरकारी अधिकारी ऐसी प्रॉपर्टी की बिक्री कर सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
- अरब देश क्यों कम कर रहे हैं तेल उत्पादन, भारत पर क्या हो सकता है असर?
- सऊदी अरब-यूएई से कारोबारी रिश्ते बेहतर कर क्या हासिल करना चाहता है हॉन्ग कॉन्ग
- पाकिस्तान-चीन का एक और सच आया सामने, क्या हैं इसके मायने
You may also like
श्रीलंका T20I सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन, आईपीएल में 13 गेंदों में अर्धशतक बनाने वाले को मिला मौका
ये है 3 देसीˈ औषधियों का चमत्कारी मिश्रण18 गंभीर बीमारियों से मिलेगा छुटकारा बढ़ती उम्र में भी दिखेगा जवानी का जोश
102 साल के बुजुर्गˈ ने गाजे-बाजे से निकाली अनोखी बारात कहा- थारा फूफा अभी जिंदा है..
आज की राशिफल चेतावनी: 30 जुलाई को इन चार राशियों को रहना होगा सावधान, जाने किसे ग्रहों की चाल कर सकती है परेशान
Aaj Ka Rashifal: भगवान गणेश की कृपा से इन 6 राशियों की किस्मत खुलेगी आज, जाने किसे मिलेगा धन, मान-सम्मान और सफलता