नई दिल्ली: अमेरिकी डॅालर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत दिख रहा है. कल रुपया 28 पैसे बढ़कर प्रति डॉलर 85.77 पर बंद हुआ और आज शुरुआती कारोबार में यह 85.67 पर पहुंच गया. जबकि शुक्रवार को यह 86.05 के स्तर पर बंद हुआ था. रुपये में मजबूती अमेरिकी डॉलर इंडेक्स कमजोर होने की वजह से आईं है. इसके साथ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है जिसका सीधा असर रुपए पर पड़ता है. डॉलर इंडेक्स कमजोर होने का मतलब है कि डॉलर की डिमांड बाकी करेंसीज के मुकाबले कम हुई है. रिपोर्टस में बताया जा रहा है इस सप्ताह रुपया 85.70 और 86.70 के बीच कारोबार करेगा. देश में थोक महंगाई मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई है जो छह महीने के निचला स्तर है. जानकारी के अनुसार, थोक महंगाई के आंकड़ों से भी रुपये में मजबूती आई है. ये लगातार तीसरा कारोबारी दिन है जब दुनिया की सबसे शक्तिशाली करेंसी कहे जाने वाली करेंसी डॉलर के सामने रुपए मजबूत होता हुआ दिखाई दे रहा है. बात करें शेयर बाजार की तो भारत का शेयर बाजार दुनिया का इकलौता बड़ा बाजार बन गया है, जो ट्रंप के टैरिफ के नुकसान को रिकवर कर पाया है. रुपया में मजबूती का फायदा
- रुपया मजबूत होने से विदेश यात्रा, पढ़ाई और शॉपिंग करना सस्ता हो जाता है.
- सस्ता आयात महंगाई को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आम आदमी को राहत मिलती है.
- अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और थोक महंगाई.
- अमेरिकी डॉलर कमजोर होने से रुपया मजबूत होता है, क्योंकि निवेशक डॉलर की तुलना में अन्य मुद्राओं को सुरक्षित मानते हैं.
- अगर भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की मात्रा बढ़ जाती है, तो रुपया मजबूत होता है.
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