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चीन, वियतनाम, मलेशिया और थाईलैंड बना रहे हैं ट्रैवल हब, वीजा नियमों में ढील से हवाई यात्रा में तेजी, एयरलाइंस की कमाई में इज़ाफा

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नई दिल्ली: इन दिनों एविएशन सेक्टर चमक रहा है. ग्लोबल आर्थिक चुनौतियों के बीच IATA का अनुमान है कि सस्ता ईंधन , भरपूर सीटें और ज़बरदस्त मांग एविएशन इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है.



इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार, 2025 में यह इंडस्ट्री बेहतर मुनाफा कमाएगा, भले ही दुनिया की GDP ग्रोथ 3.3% से घटकर 2.5% हो जाए.



2025 में एविएशन इंडस्ट्री का प्रदर्शन

जानकारी के अनुसार, नेट प्रॉफिट $36 बिलियन रह सकता है, जो एक साल पहले यानी साल 2024 में $32.4 बिलियन था. हालांकि अनुमान $36.6 बिलियन था.

नेट प्रॉफिट मार्जिन बढ़कर 3.7% हो गया है, जो साल 2024 में 3.4% था.

कुल आमदनी $979 बिलियन है, जो अब तक का सबसे ज़्यादा है. पिछला अनुमान $1 ट्रिलियन था.



मुनाफा बढ़ने की वजह

जेट फ्यूल सस्ता होगा,2025 में अनुमानित रेट $86 प्रति बैरल है. 2024 में जो $99 प्रति बैरल था. इससे फ्यूल बिल $25 बिलियन से घटकर $236 बिलियन हो जाएगा. 2025 में एविएशन इंडस्ट्री का PLF (Passenger Load Factor ज़्यादा सीटें भरना ) 84% तक जा सकता है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा.



2025 में एशिया पैसिफिक में RPK (Revenue per Passenger Kilometer) यानी हर यात्री से प्रति किलोमीटर की कमाई में 9% बढ़ोतरी की उम्मीद है.

इसकी वजह है चीन, वियतनाम, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों ने वीज़ा नियम आसान कर दिए हैं. इससे वहां घूमने आने-जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. ज्यादा पैसेंजर मतलब एयरलाइंस को ज्यादा कमाई. इसलिए एयरलाइंस अब ज्यादा फ्लाइट्स चला रही हैं या बड़े हवाई जहाज भेज रही हैं. इससे उनका मुनाफा और बढ़ रहा है.

जैसे ही वीज़ा मिलना आसान हुआ, लोग ज्यादा ट्रैवल करने लगे एयरलाइंस ने भी इस मौके का फायदा उठाकर अपनी कमाई बढ़ा ली.

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