भारत की जानी-मानी लॉजिस्टिक कंपनी ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड की सहायक कंपनी ब्लू डार्ट एविएशन लिमिटेड को सरकार से एक बड़ा झटका लगा है. कंपनी को जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज विभाग की ओर से 420 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स डिमांड नोटिस मिला है. बता दें कि ये नोटिस अप्रैल 2021 से मार्च 2023 की अवधि के लिए भेजा गया है.
क्या है पूरा मामला?जीएसटी कमिश्नर ने ब्लू डार्ट एविएशन पर सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (CGST) कानून, 2017 के तहत कई गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. विभाग का कहना है कि कंपनी ने गलत हेड के तहत टैक्स चुकाया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) में भी गड़बड़ की है.
रिपोर्टस के अनुसार, करीब ₹365.58 करोड़ का टैक्स IGST (इंटीग्रेटेड जीएसटी) के तहत चुका दिया गया, जबकि इसे CGST और SGST (स्टेट जीएसटी) में देना चाहिए था.
इसके साथ ही ₹54.55 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) गलत तरीके से लिया गया. जबकि लगभग ₹65 लाख का मामला ऐसे मटेरियल से जुड़ा है जिन्हें कंपनी ने लिख-ऑफ कर दिया था.
इस तरह कुल राशि 420 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. इसके अलावा विभाग ने ब्याज और पेनल्टी की भी मांग की है, जो CGST एक्ट की धारा 73, 122 और 125 के तहत लग सकती है.
कंपनी की प्रतिक्रियाब्लू डार्ट एविएशन ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा कि उन्हें यह शो-कॉज कम डिमांड नोटिस (SCN) मिला है और वे इसे गंभीरता से देख रहे हैं. कंपनी ने कहा है कि वो 30 दिनों के अंदर अपना जवाब दाखिल करेगी.
कंपनी ने ये भी कहा है कि इस मामले का उनके वित्तीय प्रदर्शन, ऑपरेशन्स या अन्य गतिविधियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. इसका मतलब निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
शेयर बाजार में असरइस बड़े नोटिस के बावजूद ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड के शेयरों में गिरावट नहीं आई है. आज 17 सितंबर को एनएसई (NSE) पर कंपनी का शेयर 0.62% बढ़कर ₹5,737 पर बंद हुआ था.
क्यों होता है ऐसा?अक्सर बड़ी कंपनियों को टैक्स अधिकारियों से इस तरह के नोटिस मिलते रहते हैं. ये नोटिस कंपनी के वित्तीय रेकॉर्ड, टैक्स भुगतान या इनपुट टैक्स क्रेडिट की जांच के दौरान सामने आते हैं. कई बार तो टेक्निकल या डॉक्युमेंटेशन की गड़बड़ी भी होती है, जिसे बाद में कंपनी और विभाग आपसी बातचीत से सुलझा लेते हैं.
शेयर की हर खबर का असर नहीं होता अक्सर किसी कंपनी पर नोटिस या पेनल्टी लगने की खबर आती है, लेकिन उसका असर शेयर की कीमतों पर तभी पड़ता है जब मामला बहुत बड़ा हो.
ब्लू डार्ट ने साफ कहा है कि इसका उसके बिजनेस पर बड़ा असर नहीं होगा. इससे निवेशकों का भरोसा बना रहा.
लॉजिस्टिक और एविएशन इंडस्ट्री में ब्लू डार्ट पहले से ही एक मजबूत खिलाड़ी है. ऐसे में अस्थायी विवाद कंपनी की मूल मजबूती को नहीं बदलते.
आगे क्या होगा?अब ब्लू डार्ट एविएशन के पास 30 दिन का समय है जिसमें उसे अधिकारियों को जवाब देना है. लेकिन अगर मामला सुलझा नहीं, तो कंपनी को टैक्स, ब्याज और पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है.
क्या है पूरा मामला?जीएसटी कमिश्नर ने ब्लू डार्ट एविएशन पर सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (CGST) कानून, 2017 के तहत कई गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. विभाग का कहना है कि कंपनी ने गलत हेड के तहत टैक्स चुकाया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) में भी गड़बड़ की है.
रिपोर्टस के अनुसार, करीब ₹365.58 करोड़ का टैक्स IGST (इंटीग्रेटेड जीएसटी) के तहत चुका दिया गया, जबकि इसे CGST और SGST (स्टेट जीएसटी) में देना चाहिए था.
इसके साथ ही ₹54.55 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) गलत तरीके से लिया गया. जबकि लगभग ₹65 लाख का मामला ऐसे मटेरियल से जुड़ा है जिन्हें कंपनी ने लिख-ऑफ कर दिया था.
इस तरह कुल राशि 420 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. इसके अलावा विभाग ने ब्याज और पेनल्टी की भी मांग की है, जो CGST एक्ट की धारा 73, 122 और 125 के तहत लग सकती है.
कंपनी की प्रतिक्रियाब्लू डार्ट एविएशन ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा कि उन्हें यह शो-कॉज कम डिमांड नोटिस (SCN) मिला है और वे इसे गंभीरता से देख रहे हैं. कंपनी ने कहा है कि वो 30 दिनों के अंदर अपना जवाब दाखिल करेगी.
कंपनी ने ये भी कहा है कि इस मामले का उनके वित्तीय प्रदर्शन, ऑपरेशन्स या अन्य गतिविधियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. इसका मतलब निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
शेयर बाजार में असरइस बड़े नोटिस के बावजूद ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड के शेयरों में गिरावट नहीं आई है. आज 17 सितंबर को एनएसई (NSE) पर कंपनी का शेयर 0.62% बढ़कर ₹5,737 पर बंद हुआ था.
क्यों होता है ऐसा?अक्सर बड़ी कंपनियों को टैक्स अधिकारियों से इस तरह के नोटिस मिलते रहते हैं. ये नोटिस कंपनी के वित्तीय रेकॉर्ड, टैक्स भुगतान या इनपुट टैक्स क्रेडिट की जांच के दौरान सामने आते हैं. कई बार तो टेक्निकल या डॉक्युमेंटेशन की गड़बड़ी भी होती है, जिसे बाद में कंपनी और विभाग आपसी बातचीत से सुलझा लेते हैं.
शेयर की हर खबर का असर नहीं होता अक्सर किसी कंपनी पर नोटिस या पेनल्टी लगने की खबर आती है, लेकिन उसका असर शेयर की कीमतों पर तभी पड़ता है जब मामला बहुत बड़ा हो.
ब्लू डार्ट ने साफ कहा है कि इसका उसके बिजनेस पर बड़ा असर नहीं होगा. इससे निवेशकों का भरोसा बना रहा.
लॉजिस्टिक और एविएशन इंडस्ट्री में ब्लू डार्ट पहले से ही एक मजबूत खिलाड़ी है. ऐसे में अस्थायी विवाद कंपनी की मूल मजबूती को नहीं बदलते.
आगे क्या होगा?अब ब्लू डार्ट एविएशन के पास 30 दिन का समय है जिसमें उसे अधिकारियों को जवाब देना है. लेकिन अगर मामला सुलझा नहीं, तो कंपनी को टैक्स, ब्याज और पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है.
You may also like
`शोध: इस Position से संबंध बनाने वाली 99% महिलायें हो रहींˈ हैं कैंसर का शिकार, रिपोर्ट देख होश उड़ जायेंगे.
70 साल के चाचा ने` कर दिया कमाल सड़क पर जवान लड़की को पटाया और कैमरे के सामने ही कर दिया ये हाल
बाल झड़ना हो या गंजापन…` इस घरेलू फार्मूले ने मचाई ऐसी धूम कि डॉक्टर भी सोच में पड़ गए
एशिया कप : पाकिस्तान बहिष्कार की धमकी के बाद यूएई के खिलाफ खेलने को तैयार कैसे हो गई?
बॉलीवुड की वो एक्ट्रेस जो` भूतनी बनकर भी अपनी खूबसूरती से हुई फेमस लेकिन ममता के आशिक ने बर्बाद किया करियर