शेयर बाजार में इस हफ्ते दो बड़े आईपीओ, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (LG Electronics India) और टाटा कैपिटल (Tata Capital), निवेशकों के बीच सुर्खियों में हैं। दिलचस्प बात यह है कि ग्रे मार्केट ट्रेडर्स की प्रतिक्रिया दोनों कंपनियों के प्रति बिल्कुल विपरीत रही है। जहां Tata Capital के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) घट गया है, वहीं LG Electronics का प्रीमियम बढ़ रहा है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) का मतलब है वह अतिरिक्त कीमत, जो निवेशक किसी शेयर के आधिकारिक लिस्टिंग से पहले अनऑफिशियल मार्केट में देने को तैयार होते हैं। यही संकेतक बताता है कि बाजार में किसी आईपीओ को लेकर उत्साह कितना अधिक या कम है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में दिखा दमदार जोश
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के 11,607 करोड़ रुपये के आईपीओ ने लॉन्च के पहले दिन ही निवेशकों का दिल जीत लिया। मंगलवार रात तक इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम 298 रुपये या 26.1% तक पहुंच गया, जो इसके अपर प्राइस बैंड 1,140 रुपये के मुकाबले काफी अधिक है।
विश्लेषकों के अनुसार, त्योहारी सीजन की मांग, जीएसटी में राहत, व्हाइट गुड्स सेगमेंट में उचित वैल्यूएशन और LG की ब्रांड वैल्यू जैसे कारणों से निवेशक कंपनी के शेयरों पर दांव लगा रहे हैं।
1 अक्टूबर को जब LG ने अपने आईपीओ की प्राइस बैंड की घोषणा की थी, तब इसका GMP 150 रुपये या 13% था, जो एक हफ्ते में बढ़कर 318 रुपये या 27.8% तक पहुंच गया था। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी संकेत देती है कि लिस्टिंग के समय LG के शेयरों में मजबूत बढ़त देखने को मिल सकती है।
टाटा कैपिटल के प्रीमियम में गिरावट की वजहदूसरी ओर, टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम लगातार गिर रहा है। बुधवार सुबह इसका GMP सिर्फ 6 रुपये प्रति शेयर रह गया, जो ऊपरी प्राइस बैंड 326 रुपये पर मात्र 1.8% का प्रीमियम दर्शाता है।
ग्लोब कैपिटल मार्केट के हेड ऑफ रिसर्च गौरव शर्मा के मुताबिक, “टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन अपने पीयर ग्रुप की तुलना में थोड़ा ज्यादा है, जिसकी वजह से इसका प्रीमियम धीरे-धीरे घटा है।” उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को टाटा कैपिटल का GMP 50 रुपये था, जो 29 सितंबर को 31 रुपये और अब 6 रुपये प्रति शेयर तक गिर चुका है।
बाजार जानकारों का कहना है कि टाटा कैपिटल का प्राइसिंग स्ट्रक्चर निवेशकों को उतना आकर्षक नहीं लग रहा, क्योंकि वैल्यूएशन स्ट्रेच्ड है और लिस्टिंग गेन की संभावना सीमित मानी जा रही है।
आईपीओ सब्सक्रिप्शन की स्थितिटाटा कैपिटल का आईपीओ 6 से 8 अक्टूबर तक खुला है और मंगलवार यानी दूसरे दिन के अंत तक इसे 0.75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इश्यू "स्मूथली पास" हो जाएगा, लेकिन ग्रे मार्केट में जोश नहीं दिख रहा।
वहीं, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ 7 अक्टूबर को खुला और पहले ही दिन यह 1.04 गुना सब्सक्राइब हो गया। कंपनी ने यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में पेश किया है, जिसमें कोरियाई पैरेंट कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक अपनी हिस्सेदारी बेच रही है।
विश्लेषकों की रायSPTulsian Investment Advisers की गीतांजलि केडिया का कहना है कि “टाटा कैपिटल के अनलिस्टेड शेयर की कीमत पहले 1,100 रुपये थी, जो आरएचपी फाइलिंग से पहले 720 रुपये और IPO प्राइस घोषित होने के बाद 326 रुपये तक आ गई। इससे बाजार की भावना पर नकारात्मक असर पड़ा है।”
वहीं, सैमको सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अपूर्व शेठ का मानना है कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बाजार का माहौल बेहद सकारात्मक है, और निवेशक इसमें लिस्टिंग गेन के साथ लंबी अवधि के भरोसे से निवेश कर रहे हैं।
क्यों मायने रखता है ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)
ग्रे मार्केट प्रीमियम किसी आईपीओ की लिस्टिंग परफॉर्मेंस का शुरुआती संकेतक होता है। अगर किसी इश्यू में मजबूत डिमांड होती है, तो GMP बढ़ता है और इसका मतलब है कि लिस्टिंग पर शेयरों में बढ़त की संभावना ज्यादा है। वहीं अगर डिमांड कमजोर रहती है, तो GMP घटता है, जिससे साधारण या फ्लैट लिस्टिंग की उम्मीद होती है।
निवेशकों के लिए संकेतवर्तमान ट्रेंड को देखकर यह स्पष्ट है कि निवेशक एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की ओर ज्यादा आकर्षित हैं, जबकि टाटा कैपिटल को लेकर उत्साह ठंडा पड़ रहा है। त्योहारी सीजन, मजबूत ब्रांड पोजिशन और आकर्षक वैल्यूएशन की वजह से LG का आईपीओ इस हफ्ते बाजार का सबसे चर्चित इश्यू बन गया है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) का मतलब है वह अतिरिक्त कीमत, जो निवेशक किसी शेयर के आधिकारिक लिस्टिंग से पहले अनऑफिशियल मार्केट में देने को तैयार होते हैं। यही संकेतक बताता है कि बाजार में किसी आईपीओ को लेकर उत्साह कितना अधिक या कम है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में दिखा दमदार जोश
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के 11,607 करोड़ रुपये के आईपीओ ने लॉन्च के पहले दिन ही निवेशकों का दिल जीत लिया। मंगलवार रात तक इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम 298 रुपये या 26.1% तक पहुंच गया, जो इसके अपर प्राइस बैंड 1,140 रुपये के मुकाबले काफी अधिक है।
विश्लेषकों के अनुसार, त्योहारी सीजन की मांग, जीएसटी में राहत, व्हाइट गुड्स सेगमेंट में उचित वैल्यूएशन और LG की ब्रांड वैल्यू जैसे कारणों से निवेशक कंपनी के शेयरों पर दांव लगा रहे हैं।
1 अक्टूबर को जब LG ने अपने आईपीओ की प्राइस बैंड की घोषणा की थी, तब इसका GMP 150 रुपये या 13% था, जो एक हफ्ते में बढ़कर 318 रुपये या 27.8% तक पहुंच गया था। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी संकेत देती है कि लिस्टिंग के समय LG के शेयरों में मजबूत बढ़त देखने को मिल सकती है।
टाटा कैपिटल के प्रीमियम में गिरावट की वजहदूसरी ओर, टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम लगातार गिर रहा है। बुधवार सुबह इसका GMP सिर्फ 6 रुपये प्रति शेयर रह गया, जो ऊपरी प्राइस बैंड 326 रुपये पर मात्र 1.8% का प्रीमियम दर्शाता है।
ग्लोब कैपिटल मार्केट के हेड ऑफ रिसर्च गौरव शर्मा के मुताबिक, “टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन अपने पीयर ग्रुप की तुलना में थोड़ा ज्यादा है, जिसकी वजह से इसका प्रीमियम धीरे-धीरे घटा है।” उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को टाटा कैपिटल का GMP 50 रुपये था, जो 29 सितंबर को 31 रुपये और अब 6 रुपये प्रति शेयर तक गिर चुका है।
बाजार जानकारों का कहना है कि टाटा कैपिटल का प्राइसिंग स्ट्रक्चर निवेशकों को उतना आकर्षक नहीं लग रहा, क्योंकि वैल्यूएशन स्ट्रेच्ड है और लिस्टिंग गेन की संभावना सीमित मानी जा रही है।
आईपीओ सब्सक्रिप्शन की स्थितिटाटा कैपिटल का आईपीओ 6 से 8 अक्टूबर तक खुला है और मंगलवार यानी दूसरे दिन के अंत तक इसे 0.75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इश्यू "स्मूथली पास" हो जाएगा, लेकिन ग्रे मार्केट में जोश नहीं दिख रहा।
वहीं, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ 7 अक्टूबर को खुला और पहले ही दिन यह 1.04 गुना सब्सक्राइब हो गया। कंपनी ने यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में पेश किया है, जिसमें कोरियाई पैरेंट कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक अपनी हिस्सेदारी बेच रही है।
विश्लेषकों की रायSPTulsian Investment Advisers की गीतांजलि केडिया का कहना है कि “टाटा कैपिटल के अनलिस्टेड शेयर की कीमत पहले 1,100 रुपये थी, जो आरएचपी फाइलिंग से पहले 720 रुपये और IPO प्राइस घोषित होने के बाद 326 रुपये तक आ गई। इससे बाजार की भावना पर नकारात्मक असर पड़ा है।”
वहीं, सैमको सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अपूर्व शेठ का मानना है कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बाजार का माहौल बेहद सकारात्मक है, और निवेशक इसमें लिस्टिंग गेन के साथ लंबी अवधि के भरोसे से निवेश कर रहे हैं।
क्यों मायने रखता है ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)
ग्रे मार्केट प्रीमियम किसी आईपीओ की लिस्टिंग परफॉर्मेंस का शुरुआती संकेतक होता है। अगर किसी इश्यू में मजबूत डिमांड होती है, तो GMP बढ़ता है और इसका मतलब है कि लिस्टिंग पर शेयरों में बढ़त की संभावना ज्यादा है। वहीं अगर डिमांड कमजोर रहती है, तो GMP घटता है, जिससे साधारण या फ्लैट लिस्टिंग की उम्मीद होती है।
निवेशकों के लिए संकेतवर्तमान ट्रेंड को देखकर यह स्पष्ट है कि निवेशक एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की ओर ज्यादा आकर्षित हैं, जबकि टाटा कैपिटल को लेकर उत्साह ठंडा पड़ रहा है। त्योहारी सीजन, मजबूत ब्रांड पोजिशन और आकर्षक वैल्यूएशन की वजह से LG का आईपीओ इस हफ्ते बाजार का सबसे चर्चित इश्यू बन गया है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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