सावन का पवित्र महीना शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। भक्तजन भगवान शिव से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रार्थना करते हैं। शिव मंदिरों में नंदी की मूर्ति का होना अनिवार्य माना जाता है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि नंदी भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं और वे हमेशा भगवान शिव के साथ रहते हैं। हर शिव मंदिर में नंदी को द्वारपाल के रूप में स्थापित किया जाता है। नंदी की पूजा किए बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है। भक्त जब शिव मंदिर में जाते हैं, तो वे नंदी के कान में अपनी मनोकामना व्यक्त करते हैं।
कहा जाता है कि नंदी के कान में अपनी इच्छा व्यक्त करने से वह भगवान शिव तक पहुंच जाती है और इच्छाएं जल्दी पूरी होती हैं। हालांकि, कई लोग इस प्रक्रिया के सही तरीके से अनजान होते हैं।
नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका
1. धर्म शास्त्रों में नंदी के कान में मनोकामना बोलने का एक विशेष तरीका बताया गया है। यदि आप इस विधि का पालन करते हैं, तो आपकी इच्छाएं जल्दी पूरी हो जाती हैं। शिव मंदिर में जाते समय नंदी की पूजा अवश्य करें, क्योंकि बिना नंदी की पूजा के शिवलिंग की पूजा से पूरा पुण्य नहीं मिलता।
2. पूजा-आरती के बाद किसी से बात न करें। अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहें। मान्यता है कि भगवान शिव ने नंदी को यह वरदान दिया है कि जो भी व्यक्ति उसके कान में अपनी इच्छा कहेगा, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होगी। नंदी भगवान शिव की तपस्या में विघ्न न डालने के लिए भक्तों की समस्याएं उनके कान में सुन लेते हैं।
3. जब आप नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहें, तो ध्यान रखें कि यह बाएं कान में ही हो। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
4. अपनी मनोकामना कहने के बाद नंदी के सामने कुछ अर्पित करें, जैसे पैसे, फल या मिठाई। ध्यान रखें कि किसी के लिए बुरा या अहित करने वाली मनोकामना न कहें।
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