इरफान सोलंकी
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, जो कानपुर की सीसामऊ सीट का प्रतिनिधित्व करते थे, इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हो गए हैं। वे लगभग तीन साल से जेल में थे। उनकी रिहाई ने समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ा दी है और परिवार में भी उल्लास का माहौल है। सोलंकी ने कहा कि अब उनकी जिंदगी पटरी पर लौट आई है।
जेल में बिताए समय को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरी तन्हाई अक्सर बातें करते थे’। उन्होंने अपने परिवार से मिलने की खुशी व्यक्त की और कहा कि यह अनुभव बहुत अच्छा है।
न्यायपालिका पर विश्वाससोलंकी ने यह भी कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वे ईडी के मामले में भी निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा बताया और कानूनी प्रक्रिया में विश्वास जताया।
समर्थकों का आभारउन्होंने हाल के उप चुनावों में अपनी पत्नी नसीम सोलंकी की जीत के लिए अपने समर्थकों का धन्यवाद किया। सोलंकी ने कहा कि यह उनकी मेहनत और विश्वास का परिणाम है। उन्होंने कहा, ‘अल्लाह ने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा’ और यह विश्वास ही उनकी पत्नी को विधायक बनाने में सहायक रहा।
कानपुर के मतदाताओं की सराहनासोलंकी ने कानपुर के मतदाताओं की विविधता की सराहना की और कहा कि दोनों समुदायों ने उनके परिवार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव उनके लिए महत्वपूर्ण था और लोगों ने उन्हें समर्थन दिया जैसे वे खुद चुनाव लड़ रहे हों।
समय का महत्वउन्होंने कहा कि समय बहुत बलवान होता है और उनका समय अब बदल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार वे दशहरा और दिवाली अपने घर पर मनाएंगे।
अखिलेश यादव से मुलाकात की योजनासोलंकी ने बताया कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की है और जब वे वापस आएंगे, तो उनसे मिलने जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य नेता भी उनकी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय थे।
जोरदार स्वागतजेल से रिहा होने के बाद, जब इरफान सोलंकी अपने घर पहुंचे, तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उनके समर्थकों ने ‘जेल के ताले टूट गए, इरफान सोलंकी छूट गए’ जैसे नारे लगाए और पटाखे फोड़े।