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पाकिस्तान में सेना और पुलिस के बीच तनाव: एक नई चुनौती का सामना

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पाकिस्तान में सेना और पुलिस के बीच टकराव

पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम ने सुरक्षा बलों के बीच तनाव को उजागर किया है। जहां एक ओर पाकिस्तान के नेता सेना की शक्ति का सहारा लेकर युद्ध की धमकी दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय पुलिस ने सेना के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। लक्की मरवात जिले में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिस और सेना के जवान एक-दूसरे पर बंदूकें ताने हुए नजर आ रहे हैं।

इस वीडियो में पुलिसकर्मी सेना को डांटते हुए और अपशब्द कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक पुलिसकर्मी ने तो यह तक कह दिया कि "बंदूक नीचे करो, बकवास मत करो।" यह दृश्य स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अब न केवल आम जनता, बल्कि पुलिस भी सेना के खिलाफ खड़ी हो रही है।

लक्की मरवात में यह बवाल क्यों हुआ? यह क्षेत्र लंबे समय से पाकिस्तानी सेना के आतंक-निरोधी अभियानों का शिकार रहा है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। अब पुलिसकर्मी भी सेना के खिलाफ मोर्चा लेने को तैयार दिख रहे हैं।

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पिछले कुछ वर्षों से सेना की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। पहले ये विरोध केवल आम जनता तक सीमित थे, लेकिन अब जब राज्य की संस्थाएं भी सेना के खिलाफ खड़ी हो रही हैं, तो यह पाकिस्तान के भीतर एक गंभीर प्रशासनिक संकट की ओर इशारा करता है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह टकराव भविष्य में और बढ़ सकता है। सेना की दखलअंदाजी और मानवाधिकार उल्लंघन ने उसे अपने ही देश की संस्थाओं से कटघरे में खड़ा कर दिया है। लक्की मरवात की यह घटना एक चेतावनी है कि यदि सेना अपनी नीतियों पर पुनर्विचार नहीं करती, तो उसे और भी कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.


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