मुलेठी के लाभ: यह पौधा अद्भुत गुणों का भंडार है। आयुर्वेद में इस लकड़ी का उपयोग कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है, और अब वैज्ञानिक अनुसंधान ने यह साबित कर दिया है कि मुलेठी में 300 से अधिक यौगिक होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं।
अधिकतर लोग मुलेठी को सर्दी-खांसी के इलाज के लिए जानते हैं, लेकिन यह पेट के घावों के उपचार में भी सहायक है। यह शोध में भी सिद्ध हो चुका है। मुलेठी अपने आप में एक औषधि है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-वायरल गुण शामिल हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं।
1. सर्दी-खांसी में प्रभावी: हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरिया गुण होते हैं। सर्दी के मौसम में जब भी कोई संक्रमण होता है, मुलेठी का पानी पीने से सर्दी और खांसी में राहत मिलती है। यदि सर्दी के मौसम में सप्ताह में एक बार मुलेठी का पानी पिया जाए, तो आपको सर्दी-खांसी से बचने में मदद मिलेगी।
2. पेट के लिए फायदेमंद: मुलेठी केवल सर्दी-खांसी के लिए ही नहीं, बल्कि पेट की कई समस्याओं के समाधान में भी सहायक है। यह गैस, एसिडिटी, कब्ज और पेट दर्द को ठीक कर सकती है। अनुसंधान में पाया गया है कि 75 मिलीग्राम मुलेठी के कैप्सूल का सेवन 30 दिनों तक करने से पाचन संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। मुलेठी जीईआरडी या हार्ट बर्न जैसी समस्याओं को भी ठीक कर सकती है।
3. सांस संबंधी बीमारियों में लाभ: मुलेठी का सेवन सांस संबंधी बीमारियों को खत्म करने में मदद कर सकता है। यह गले या श्वसन नली में जमा म्यूकस को बाहर निकालने में सहायक है। मुलेठी की चाय सर्दी-खांसी के साथ-साथ अस्थमा के लक्षणों को भी कम कर सकती है।
4. कैंसर से सुरक्षा: मुलेठी में एंटी-कैंसर गुण होते हैं। अनुसंधान के अनुसार, मुलेठी में कई प्रकार के प्लांट यौगिक, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
5. त्वचा के लिए लाभकारी: मुलेठी का पानी पीने से त्वचा में निखार आ सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा की समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।
मुलेठी का सेवन कैसे करें: मुलेठी का सेवन करने के लिए आपको बाजार से मुलेठी की लकड़ी खरीदनी चाहिए। इसे दो-तीन दिनों तक पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इसके अलावा, इसे गर्म पानी में उबालकर भी पिया जा सकता है। ध्यान रखें कि मुलेठी की लकड़ी का सेवन सीमित मात्रा में करें।
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