नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों को दीवाली से पहले एक महत्वपूर्ण सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी सीजन की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय विशेष रूप से गेहूं, दलहन और तिलहन के किसानों के लिए एक बड़ा उपहार है।
गेहूं और जौ की MSP में वृद्धि
सरकार ने गेहूं की MSP को बढ़ाकर 2585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की खेती पर किसानों को औसतन 1239 रुपये प्रति क्विंटल की लागत आती है। इसका मतलब है कि अब किसानों को अपनी मेहनत का 109% मुनाफा मिलेगा। इसके अलावा, जौ की नई MSP 2150 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि इसकी उत्पादन लागत 1361 रुपये प्रति क्विंटल है। इससे किसानों को लागत से अधिक लाभ मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।
दलहन और तिलहन में राहत
रबी सीजन की अन्य महत्वपूर्ण फसलों के MSP में भी वृद्धि की गई है। चना अब 5875 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर 7000 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों और रेपसीड 6200 रुपये प्रति क्विंटल और सूरजमुखी 6540 रुपये प्रति क्विंटल में बिकेगा। इन फसलों की लागत और MSP के बीच का अंतर दर्शाता है कि सरकार किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए कितनी गंभीर है।
किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार
किसान संगठन लंबे समय से MSP में वृद्धि की मांग कर रहे थे। इस निर्णय से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे अपनी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए भी प्रेरित होंगे। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ देश की खाद्य सुरक्षा को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
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