चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र के शेषा सुबकरा गांव में एक 12 वर्षीय बच्ची कबूतरी की नींद उस समय टूटी जब उसने आधी रात को अपनी मां श्यामपति की चीखें सुनीं। जब उसने देखा कि उसके पिता के हाथ में खून से सनी कुल्हाड़ी है, तो वह डर के मारे कोने में छिप गई। वह चुपचाप पड़ोस में अपने दादा के घर पहुंची और दरवाजा खटखटाया, जिससे आसपास के लोग जाग गए।
कबूतरी के दादा हरिशचंद्र ने बताया कि बच्ची लगभग दस मिनट तक कांपती रही और बोल नहीं पा रही थी। उसने इशारे से अपने घर जाने का संकेत किया। जब वे वहां पहुंचे, तो सभी लोग हैरान रह गए। इस बीच, आरोपी अपने छोटे बेटे को गोद में लेकर भागने की कोशिश कर रहा था।
हत्या की वारदात
आरोपी ने पत्नी के गले पर तीन से चार वार किए। जब सभी ने उसे पकड़ लिया, तो किसी तरह मासूम को छुड़ाया गया। परिवार के सदस्यों का मानना है कि आरोपी ने अपने बचाव के लिए बच्चे को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया।
मृतका के पति लालचंद्र निषाद बालू के काम में मजदूरी करते थे और उनका परिवार खुशहाल जीवन जी रहा था। लेकिन इस घटना के बाद कबूतरी और उसके दो भाई बेहद परेशान हैं।
पड़ोसियों की प्रतिक्रिया
पड़ोसी भी इस घटना को समझ नहीं पा रहे हैं कि लालचंद्र ने ऐसा क्यों किया। पोस्टमार्टम हाउस में मृतका के परिजन भी सहमे हुए थे और घटना के बारे में ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहे थे। पुलिस ने गृह कलेश और चरित्र पर शक की बात की है।
लालचंद्र के भाई हरिशचंद्र का कहना है कि उन्हें चरित्र पर शक की जानकारी नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि लालचंद्र का इलाज चल रहा था। उन्होंने कहा कि गृह कलेश तो हर घर में होता है, लेकिन इस तरह की घटना का कारण बताना मुश्किल है।
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