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PM मोदी को गले लगाकर घोंपा छूरा…चीन ने एक बार फिर की घटिया हरकत, बाॅर्डर पर बढ़ेगा तनाव!!..

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India China Tension: चीन पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास सैन्य बेस बना रहा है, जिसमें एयर डिफेंस, मिसाइल लॉन्च पोजिशन, और अन्य सैन्य सुविधाएं शामिल हैं, जिससे रणनीतिक लाभ मिल सकता है।

China Build Military Complex in Border: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त 2025 में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन गए थे। यहां पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गले मिलते हुए तस्वीर बाहर आने के बाद लगा था कि दोनों देशों के बीच बॉर्डर को लेकर पांच साल से चल रहा विवाद अब खत्म हो जाएगा, लेकिन चीन की कुछ हरकतें अभी भी चिंता का कारण बनी हुई हैं।

एक ओर जहां वह भारत से दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर वह अपनी गतिविधियों से ऐसा संकेत दे रहा है कि वह अपनी सीमा पर सैन्य ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है। हाल ही में सैटेलाइट इमेजेस से यह सामने आया है कि चीन, पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील के किनारे पर एक सैन्य बेस बना रहा है।

मिलिट्री कॉम्प्लेक्स बना रहा चीन

चीनी सेना द्वारा बनाया जा रहा कॉम्प्लेक्स उस विवादित क्षेत्र से महज 110 किलोमीटर दूर है, जहां 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा पर बड़ा विवाद हुआ था। यह नया सैन्य कॉम्प्लेक्स बहुत जल्दी तैयार हो सकता है और इसके बनने से चीनी सेना को भविष्य में रणनीतिक लाभ मिल सकता है।

जानकारी के मुताबिक, चीन इस कॉम्प्लेक्स में एयर डिफेंस सिस्टम, गैरेज, हाईवे और सुरक्षित स्टोरेज जैसी सुविधाएं बना रहा है। यह स्थान पहले से मौजूद चीनी रडार सिस्टम के पास है, और इसे SAM (Surface-to-Air Missile) पोजिशन या अन्य हथियारों की तैनाती के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि यहां कमांड और कंट्रोल बिल्डिंग, सेना की गाड़ियों के लिए शेड और गोला-बारूद रखने के लिए जगह बनाई जा रही है।

लंबी दूरी की मिसाइलें मौजूद

इस कॉम्प्लेक्स में मिसाइल लॉन्च करने के लिए ढकी हुई पोजिशन भी बनाई जा रही हैं, जिनमें छतों के नीचे ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (TEL) गाड़ियां रखी जा सकती हैं, जिनसे चीन की लंबी दूरी की मिसाइलों को छिपाकर, आवश्यकता पड़ने पर लॉन्च किया जा सकता है।

भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान घाटी में हिंसा हुई थी, जिसमें कई भारतीय जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद दोनों देशों के नेताओं ने मुलाकात की और सीमा पर तनाव को कम करने की कोशिश की। इसके बावजूद, चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर अब भी चिंता बनी हुई है।

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