Coldrif Cough Syrup Case: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को बताया कि जहरीली कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है और कंपनी को बंद करने का आदेश दिया गया है.
कोल्ड्रिफ कफ सिरप केस
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सर्दी-जुकाम की ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ ने 22 छोटे बच्चों की जान ले ली थी. इस खबर ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. देश के कई राज्यों में इस कफ सिरप को बैन कर दिया गया था.
मिला था जहरीला पदार्थ
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की सरकारों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध पहले ही लगा दिया था, क्योंकि परीक्षणों में पता चला है कि इसमें अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया है.
कब बनी थी कंपनी?
कोल्ड्रिफ बनाने वाली चेन्नई स्थित कंपनी कथित तौर पर 1990 में एक निजी फर्म के रूप में शुरू हुई थी. इंडियामार्ट पर ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल मेकर’ खुद को कफ सिरप, प्रोटीन पाउडर, फार्मास्युटिकल सिरप और हर्बल चाइल्ड ग्रोथ सिरप का ‘व्यापारी’ बताते हैं. NDTV प्रॉफिट द्वारा कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दस्तावेजों का हवाला देते हुए की गई एक जांच में पाया गया था कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स नाम की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पहले से मौजूद थी, जिसके निदेशक ‘रंगनाथन गोविंदराजन’ थे.
अलग-अलग एड्रेस पर रजिस्ट्रेशन
कंपनी की स्थापना 1990 में हुई थी, लेकिन बाद में कथित तौर पर रजिस्ट्रार से उसका नाम हटा दिया गया. ऐसा आमतौर पर तब होता है जब कंपनियां नियमित रूप से कंप्लायंस डॉक्यूमेंट दाखिल नहीं करती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, इंडियामार्ट पर लिस्टेड कंपनी और प्रोडक्ट पैकेजिंग पर छपे पते, दोनों अलग-अलग हैं, लेकिन ये सभी चेन्नई के एक ही इलाके में स्थित हैं.
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