दोस्तों, अगर आप किडनी की किसी भी समस्या से परेशान हैं तो एक फल ऐसा है जो आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।
यह फल है सफेद पेठा (एश गार्ड) – जिसे आयुर्वेद में एक पावरफुल कूलिंग और डिटॉक्सिफ़ाइंग फल माना गया है।
आइए जानते हैं इसके फायदे, सेवन का तरीका और ज़रूरी सावधानियां।
एश गार्ड (सफेद पेठा) क्या है?
- बड़े आकार का हरे रंग का फल, मोटी लौकी जैसा दिखता है।
- स्वाद हल्का मीठा और न्यूट्रल, इसलिए कई तरह के व्यंजन और जूस में उपयोग किया जाता है।
किडनी के लिए बड़े फायदे
जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
सेवन का तरीका
- जूस बनाकर पीना सबसे अच्छा तरीका है।
- मध्यम आकार का पेठा लें, छिलका उतारें, छोटे टुकड़ों में काटें।
- ब्लेंडर में थोड़ा पानी डालकर ब्लेंड करें और छानकर ताज़ा जूस बनाएं।
- सुबह खाली पेट पीना सबसे फायदेमंद है।
- रोज़ाना 1 बार या हफ्ते में 3-4 बार डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेवन करें।
- हमेशा फ्रेश जूस ही पिएं।
सावधानियां
- यदि आपको एडवांस्ड किडनी डिज़ीज़ है या पुरानी बीमारी के लिए दवाइयां चल रही हैं,
तो सेवन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। - ज्यादा मात्रा में सेवन करने से इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम-पोटेशियम) असंतुलन हो सकता है।
- बासी या लंबे समय तक रखा जूस नुकसानदेह हो सकता है।
निष्कर्ष
सफेद पेठा (एश गार्ड) एक नेचुरल डायरिटिक, डिटॉक्सिफ़ायर और किडनी-फ्रेंडली फल है।
सही मात्रा और सही तरीके से सेवन करने पर यह आपकी किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ और एक्टिव रखने में मदद कर सकता है।
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