नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर एक्स्ट्रा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे 48 घंटे से पहले अमेरिका ने चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे ट्रंप ने एक दिन पहले अपने पारस्परिक टैरिफ आदेश के हिस्से के रूप में घोषित किया था। अब अमेरिका द्वारा सभी चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 84 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
यह 10 प्रतिशत वैश्विक टैरिफ के अतिरिक्त है, जिसके बारे में व्हाइट हाउस ने कहा है कि यह दुनिया भर के सभी नागरिकों पर लागू होता है, जिससे ट्रंप के टैरिफ में चीन का योगदान 94 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
ट्रंप ने दी चीन को टैरिफ बढ़ाने की धमकी
इससे पहले ट्रंप ने कहा था,”अगर चीन कल तक (मंगलवार 8 अप्रैल 2025) उनके शुरुआती शुल्कों के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को वापस नहीं लेता है, तो वह बुधवार तक चीनी आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगा देंगे।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ट्रंप ने कहा कि अगर जवाबी शुल्क को वापस नहीं लिया गया तो अमेरिका चीन के साथ सभी बातचीत को खत्म कर देगा। चीन के 34 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले को अमेरिका की घबराहट बताया है।
चीन ने अमेरिका पर दादागिरी का आरोप लगाया
चीन ने अमेरिका पर टैरिफ को लेकर एकतरफा कदम उठाने, संरक्षणवाद और आर्थिक दादागिरी का आरोप लगाया और टेस्ला सहित अमेरिकी कंपनियों से इस मुद्दे को हल करने के लिए ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों पर ”अमेरिका फर्स्ट” को रखना वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है। दबाव और धमकियां चीन से निपटने का तरीका नहीं हैं। चीन अपने अधिकारों और हितों की ²ढ़ता से रक्षा करेगा।
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