कोलकाता, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran News). भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर ने छात्रावास भोजनशालाओं में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था के आदेश को वापस ले लिया है. संस्थान ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी छात्र को उसकी खानपान की पसंद के आधार पर अलग नहीं किया जा सकता.
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शुक्रवार को बताया कि जैसे ही इस फैसले की जानकारी उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को मिली, इसे तत्काल रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा, “भोजनशालाओं में छात्रों को खानपान की आदतों के आधार पर अलग बैठाने का कोई औचित्य नहीं है. इस संबंध में लगे सभी साइनबोर्ड तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं.”
गौरतलब है कि 16 अगस्त को बी.आर. अंबेडकर छात्रावास में एक नोटिस जारी कर शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग सीटें तय की गई थीं. इसके बाद छात्रों और पूर्व छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया और इसे विभाजनकारी बताया.
आलोचनाओं के बाद संस्थान ने 8 सितम्बर को नया निर्देश जारी किया. इसमें कहा गया कि भोजन की तैयारी और परोसने के स्तर पर शाकाहारी, मांसाहारी या जैन भोजन के लिए अलग व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन बैठने की व्यवस्था में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.
संस्थान के निदेशक ने दोहराया कि भोजनशालाओं में किसी भी परिस्थिति में इस तरह का विभाजन स्वीकार्य नहीं है और सभी छात्रावासों में नए आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा.
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