नई दिल्ली, 29 मई . दिल्ली में रह रहे लगभग 900 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई है और उचित सत्यापन के बाद उन्हें निर्वासित किया जाएगा.
दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है. पिछले छह महीनों में, भारत सरकार की चल रही “पुश-बैक” रणनीति के तहत दिल्ली में लगभग 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, निर्वासित व्यक्तियों की संख्या के मामले में दिल्ली सभी राज्यों में सबसे ऊपर है. कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई तेज हो गई है, खासकर भाजपा शासित राज्यों में. इस अवधि में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में कथित अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिए जाने के बाद, उन्हें निर्वासित करने के लिए सौंप दिया गया है.
से बात करते हुए देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, “क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल समेत हमारी सभी फील्ड यूनिट दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है. बिना वैध दस्तावेजों वाले लोगों को हिरासत में लिया गया है और कानूनी कार्रवाई चल रही है. इसके अलावा, उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जो इन प्रवासियों को फर्जी दस्तावेज हासिल करने में मदद करते हैं.”
उन्होंने कहा, “यह विशेष अभियान नवंबर में शुरू हुआ था और इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं. इसे गुप्त खुफिया सूचनाओं और जनता की शिकायतों के आधार पर पूरी दिल्ली में चलाया जा रहा है.”
श्रीवास्तव ने पहचान किए गए अवैध प्रवासियों की वर्तमान स्थिति के बारे में और जानकारी साझा की.
उन्होंने कहा, “इस साल करीब 900 बांग्लादेशियों की पहचान की गई है. इसके साथ जिनके दस्तावेजों की जांच की गई और वे वैध पाए गए, उन्हें रिहा कर दिया गया, जबकि अन्य अभी भी जांच के दायरे में हैं. शेष व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है, जिसमें हिरासत, निर्वासन और आपराधिक कार्रवाई शामिल है.”
अभियान में जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, श्रीवास्तव ने नागरिकों से अधिकारियों के साथ जानकारी साझा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति जिसके पास ऐसे लोगों की जानकारी है, वह 112 हेल्पलाइन के माध्यम से पुलिस से संपर्क कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के एसएचओ, एसीपी या डीसीपी जैसे स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. जानकारी लिखित रूप में या फोन पर साझा की जा सकती है और जानकारी पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
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जीकेटी/
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