New Delhi, 8 अगस्त . मॉरीशस के त्रिओले गांव में हिंदी के साहित्यकार अभिमन्यु अनत का जन्म 9 अगस्त 1937 को हुआ था. उन्होंने हिंदी कथाकार और कवि के रूप में न सिर्फ मॉरीशस, बल्कि भारत में विशिष्ट ख्याति अर्जित की थी. अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने भारतीयों की अस्मिता को नई पहचान दी. साथ ही अभिमन्यु अनत ने भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार भी किया. 9 अगस्त को अभिमन्यु अनत की जन्म जयंती मनाई जाती है.
मॉरीशस में जन्मे अभिमन्यु अनत ने रंगमंच, हिंदी शिक्षण और हिंदी प्रकाशन आदि अनेक क्षेत्रों में कार्य किए. राजकमल प्रकाशन समूह के अनुसार, अभिमन्यु अनत की प्रमुख कृतियां जिसमें ‘लाल पसीना’, ‘गांधी जी बोले थे’, ‘नदी बहती रही’, ‘एक उम्मीद और’, ‘एक बीघा प्यार’ (उपन्यास), ‘खामोशी के चीत्कार’ (कहानी-संग्रह), ‘नागफनी में उलझी सांसें’ (कविता-संग्रह), ‘देख कबीरा हांसी’ (नाटक) शामिल हैं.
अभिमन्यु अनत ने महात्मा गांधी संस्थान में पत्रिका की स्थापना की थी और वे कई सालों तक ‘वसंत’ पत्रिका के संपादक थे. वे बाल पत्रिका ‘रिमझिम’ के भी संस्थापक थे. अभिमन्यु अनत दो सालों तक महात्मा गांधी संस्थान में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे और तीन सालों तक युवा मंत्रालय के नाट्य कला विभाग में नाट्य प्रशिक्षक रहे. इसके अतिरिक्त उन्होंने 18 सालों तक हिंदी भाषा में शिक्षण कार्य किया.
कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में उनके साहित्य को शामिल किया गया है और उन पर कई रिसर्च भी किए जा चुके हैं. उनकी रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी और फ्रेंच समेत कई भाषाओं में किया गया है.
अभिमन्यु अनत को उनके लेखन कार्य के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. वे सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, यशपाल पुरस्कार, जनसंस्कृति सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. भारत की साहित्य अकादमी की ओर से अभिमन्यु अनत को ऑनरेरी फेलोशिप का सर्वोच्च सम्मान भी दिया गया है.
मॉरीशस के हिन्दी कथा-साहित्य के सम्राट अभिमन्यु अनत का निधन 4 जून 2018 को हुआ था.
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डीकेपी/जीकेटी
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