चंडीगढ़, 1 मई . हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पानी के बंटवारे के मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया. सीएम सैनी ने कहा कि यह बेहद खेदजनक और राष्ट्रीय एकता की भावना के खिलाफ है.
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह सिंचाई का मामला नहीं, बल्कि आवश्यक पेयजल का मामला है. ऐसी बुनियादी मानवीय जरूरतों को कभी भी राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पंजाब गुरुओं की पवित्र भूमि है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार गुरुओं की करुणा और मानवता की शिक्षाओं की अवहेलना कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी जीवन रेखा है, राजनीतिक हथियार नहीं. आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. उन्होंने दिल्ली के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए, लेकिन वहां सत्ता से बाहर हो गए. अब वह पंजाब में अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वहां भी वह सफल नहीं हो पाएंगे.
अपनी साधारण पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए सीएम नायब सैनी ने कहा कि भगवंत मान और मैं दोनों साधारण परिवारों से हैं. हम दोनों जानते हैं कि हमारी माताएं दो किलोमीटर दूर से पानी के घड़े लाती थीं. इसलिए, उन्हें पीने के पानी का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. मैं भगवंत मान से अनुरोध करता हूं कि वह दूसरों के बहकावे में न आएं और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करें. पंजाब के लोगों के जनादेश का सम्मान करें और हरियाणा-पंजाब के बीच दुश्मनी न पैदा करें.
पंजाब के मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पानी को लेकर तुच्छ राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि पंजाब के विकास पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है. उन्हें लोगों के हित में काम करना चाहिए और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए.
इससे पहले, सीएम सैनी ने भगवंत मान की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज करवाया था.
उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि किसान ही देश का पेट भरते हैं, वह मेहनती लोग हैं, लेकिन फिर भी उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा. पंजाब को ऐसी घटिया राजनीति छोड़ देनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि राजनीति को पार्टी लाइन से ऊपर उठकर पंजाब के विकास की ओर निर्देशित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुद्दा सिंचाई के पानी का नहीं, बल्कि पीने के पानी का है.
सैनी ने कहा कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है और हमने गुरुओं से सीखा है कि अजनबियों को भी पानी पिलाना चाहिए. अब तक के पूरे इतिहास में पीने के पानी को लेकर कभी कोई विवाद नहीं हुआ, लेकिन अब जब पंजाब में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो आप राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा कि अप्रैल, मई और जून में गर्मी के कारण अतिरिक्त पानी बह जाता है. आबादी लगातार बढ़ रही है और पानी की मांग भी बढ़ रही है. अगर हम एनसीआर क्षेत्र को देखें तो यहां बहुत सारे उद्योग स्थापित हो गए हैं.
–
पीएसके/डीएससी
The post first appeared on .
You may also like
बड़े अय्याश हैं डोनाल्ड ट्रंप! बोले- इवांका का फिगर मस्त बेटी नहीं होती तो फिर मैं 〥
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: पिता को पैतृक संपत्ति बेचने का विशेष अधिकार
हर शुक्रवार को करे ये आसान उपाय, प्रसंन रहेंगे भगवान शिव कारोबार में मिलेगी सफलता
Horoscope for May 2, 2025: Astrological Predictions for All Zodiac Signs
देश में टोल टैक्स को लेकर लागू होने जा रहा ये नियम-जानकर उठायें फायदा 〥