नई दिल्ली, 11 मई . 14 मई को देश के 52वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने जा रहे जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में भारत-पाकिस्तान के मौजूदा टकराव, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, राजनीति में जाने सहित कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. मीडिया के लोगों के साथ हुई ऑफ कैमरा बातचीत में उन्होंने बताया कि वह देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर सीजफायर की स्थिति पर उन्होंने बोला कि युद्ध कोई अच्छी चीज नहीं है. हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण हैं, जो अभी भी चल रहे हैं. यूक्रेन में कितने दिनों से युद्ध हो रहा है और इससे क्या मिला. मतलब युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता.
जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में पहलगाम घटना पर कहा कि सुबह जब अखबार पढ़ा कि पहलगाम में ऐसी दुखद घटना हुई है तो बहुत दुख हुआ, उस समय चीफ जस्टिस देश के बाहर थे. उनसे संपर्क किया गया, फिर हमने फैसला लिया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिन लोगों ने जान गंवाई उनके लिए दो मिनट का मौन रखा जाएगा और रखा गया. आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, हम भी इससे प्रभावित होते हैं. जब देश शोक में हो तो सुप्रीम कोर्ट उससे अलग नहीं रह सकता.
रिटायर होने के बाद राजनीति में जाने को लेकर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, उनके पिता महाराष्ट्र के एक बड़े नेता थे. बिहार सहित कई राज्यों के गवर्नर रहे थे. लेकिन, मुझे राजनीति में नहीं जाना है. उस समय की राजनीति की बात कुछ और थी.
जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में साफ कर दिया कि वह रिटायरमेंट के बाद कोई राजनीतिक पद नहीं लेंगे.
जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जब एक बार आप सीजेआई बन जाते हैं तो रिटायरमेंट के बाद उन पदों को स्वीकार नहीं करना चाहिए, जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है.
इसके साथ ही मीडिया के साथ जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं. मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के तत्काल बाद ही मैं चीफ जस्टिस पद की शपथ लूंगा. बाबा साहेब आंबेडकर के साथ ही मेरे पिता ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था. मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा.
सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की घोषणा के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उच्च न्यायालय के जजों को सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए.
सोशल मीडिया पर अदालतों और जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि मैं सोशल मीडिया नहीं देखता. निशिकांत दुबे और उप राष्ट्रपति के बयान पर जब सवाल किया गया तो जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि लोग कुछ भी कहें, लेकिन संविधान ही सुप्रीम है. केशवानंद भारती के 13 जजों के बेंच के फैसले में ये कहा गया है.
जस्टिस यशवंत वर्मा के सवाल पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि मौजूदा चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं. मैं मंदिर, दरगाह, जैन मंदिर, गुरुद्वारा सभी जगह जाता हूं.
–
जीकेटी/
You may also like
Video: क्रूरता की हदें पार, शख्स ने कुत्ते को ऑटोरिक्शा के पीछे बांधा, फिर सड़क पर घसीटा, वीडियो वायरल
चेक बाउंस हो जाए तो क्या करें? जानें कानूनी नियम और बचाव के आसान उपाय
RBSE 2025: जाने कब तक जारी हो सकता हैं 10वीं और 12वीं की परिणाम, ये रही डेट
जमुई में ट्रैक्टर और बाइक की टक्कर, दो भाइयों की मौत
Important information for ITR-5 form filers: कैपिटल गेन, बायबैक घाटे और TDS रिपोर्टिंग में हुए ये महत्वपूर्ण बदलाव, जानें विस्तार से