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तमिलनाडु : वेल्लोर के कट्टू कोलाई गांव में वक्फ बोर्ड के दावे से विवाद, निवासियों ने जिला प्रशासन से मांगी मदद

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वेल्लोर, 15 अप्रैल . तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के विरिंचीपुरम इलाके में स्थित कट्टू कोलाई गांव में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब वहां चार पीढ़ियों से रह रहे करीब 150 परिवारों को यह जानकारी मिली कि जिस जमीन पर वे बसे हैं, वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.

यह जमीन नवाब मस्जिद और हजरत सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह से जुड़ी बताई जा रही है. इस मामले ने स्थानीय निवासियों में आक्रोश की स्थिति पैदा कर दी है, जो अब जिला प्रशासन से इस विवाद के समाधान की मांग कर रहे हैं.

कट्टू कोलाई गांव में रहने वाले परिवारों का कहना है कि वे दशकों से इस जमीन पर खेती और अन्य गतिविधियों के जरिए अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. कई परिवारों ने यहां अपने घर बनाए हैं और पीढ़ियों से यहीं रह रहे हैं. हाल ही में, हजरत सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह से जुड़े सैयद सदाम ने गांव के निवासियों को नोटिस भेजकर कर (टैक्स) चुकाने की मांग की.

नोटिस में दावा किया गया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है और दरगाह इसका प्रबंधन करती है. इस नोटिस ने ग्रामीणों में हड़कंप मचा दिया, क्योंकि उन्हें पहले कभी इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

निवासियों का कहना है कि उनके पास जमीन के दस्तावेज हैं, जो उनके स्वामित्व को साबित करते हैं. वे इस बात से हैरान हैं कि अचानक वक्फ बोर्ड और दरगाह ने इस जमीन पर अपना दावा क्यों पेश किया है.

इस मामले को लेकर गांव के लोग एकजुट हो गए हैं और उन्होंने वेल्लोर जिला कलेक्टर सुब्बुलक्ष्मी से संपर्क किया. कलेक्टर ने निवासियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है. जिला प्रशासन ने कहा कि जमीन के स्वामित्व से जुड़े सभी दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी और इस विवाद का उचित समाधान निकाला जाएगा. कलेक्टर ने निवासियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और आश्वस्त किया है कि किसी भी परिवार को बिना उचित प्रक्रिया के बेदखल नहीं किया जाएगा.

स्थानीय लोग इस घटना से सकते में हैं. कई निवासियों का कहना है कि यह विवाद उनकी आजीविका और भविष्य के लिए खतरा बन सकता है.

वक्फ बोर्ड और दरगाह के दावों ने न केवल कट्टू कोलाई गांव में तनाव पैदा किया है, बल्कि यह मामला वक्फ संपत्तियों से जुड़े व्यापक मुद्दों को भी उजागर करता है.

निवासियों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन की जांच से सच सामने आएगा और उन्हें उनकी जमीन पर अधिकार मिलेगा. इस बीच, जिला प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि जल्द ही इस मामले में उचित कदम उठाए जाएंगे.

एकेएस/

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