नालंदा, 4 मई . खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत नालंदा के राजगीर में चल रहे कबड्डी मुकाबलों में बिहार महिला कबड्डी टीम ने अपने पहले मैच में शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि, मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन टीम ने हार नहीं मानी और आखिरी रेड में बोनस पॉइंट हासिल कर मैच में वापसी की. इस रोमांचक मुकाबले के बाद टीम की कप्तान प्रतिभा कुमारी और कोच रिमी सिंह ने अपनी रणनीति, अनुभव और आयोजन की व्यवस्था पर खुलकर बात की. दोनों ने अगले मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन का भरोसा जताया और केंद्र सरकार की खेलो इंडिया पहल की जमकर तारीफ की.
बिहार महिला कबड्डी टीम की कप्तान प्रतिभा कुमारी ने पहले मुकाबले के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि यह मैच उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था. एक समय ऐसा भी आया जब लग रहा था कि टीम हार जाएगी. प्रतिभा ने कहा, “हम लोग शुरुआत में लीड में थे, लेकिन बाद में कुछ पॉइंट से पिछड़ गए. उस समय मन में घबराहट थी, लेकिन हमने हार नहीं मानी. आखिरी रेड में बोनस पॉइंट लेकर हमने वापसी की कोशिश की.” उन्होंने स्वीकार किया कि अगर डिफेंस को और मजबूती दी होती तथा थोड़ा और आत्मविश्वास दिखाया होता, तो शायद परिणाम कुछ और हो सकता था.
प्रतिभा ने आयोजन की व्यवस्था को लेकर खुशी जताई और कहा कि पहली बार बिहार में इतने बड़े स्तर पर खेल आयोजन हो रहा है. उन्होंने कहा, “यहां जो सुविधाएं मिली हैं, वे शानदार हैं. बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने मिलकर खेलो इंडिया को इस मुकाम तक पहुंचाया है.”
प्रतिभा ने बिहार सरकार की ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना की भी तारीफ की और इसे खिलाड़ियों के लिए बड़ा प्रोत्साहन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं खिलाड़ियों को मेहनत करने और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा देती हैं.
प्रतिभा ने यह भी बताया कि वह पहले भी खेलो इंडिया में मेडल जीत चुकी हैं और इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगी. उन्होंने कहा, “हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम बेहतर से बेहतर खेलें, ताकि बिहार और देश का नाम रौशन हो.”
बिहार महिला कबड्डी टीम की कोच रिमी सिंह ने पहले मैच के बाद खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर संतोष जताया. उन्होंने कहा कि नेशनल लेवल पर सभी टीमें मजबूत होती हैं और सभी राज्यों को केंद्र सरकार से समान सुविधाएं मिल रही हैं, जिसका असर मैदान पर साफ दिखता है. रिमी ने बताया कि बिहार की अधिकतर खिलाड़ी अंडर-18 वर्ग की हैं, जिनकी उम्र 13-14 साल के बीच है. इनमें से कई खिलाड़ी पहली बार नेशनल लेवल पर खेल रही हैं, जिसके कारण शुरुआती घबराहट स्वाभाविक थी.
रिमी ने कहा, “हमारी टीम में कोई कमी नहीं है, बस अनुभव की थोड़ी कमी है. पहले मैच में प्रदर्शन अच्छा रहा, और अगले मुकाबलों में हम और बेहतर करेंगे. बिहार में खेलों को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है. आने वाले समय में बिहार के खिलाड़ी न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी पहचान बनाएंगे.”
उन्होंने खासकर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ होने वाले मुकाबलों में बिहार की बेटियों के दमदार प्रदर्शन का भरोसा जताया.
आयोजन की व्यवस्था को लेकर रिमी सिंह ने बिहार और भारत सरकार की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “जब हम खिलाड़ी थे, तब हमें ऐसी सुविधाएं नहीं मिलती थीं. आज की पीढ़ी को जो इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मिल रही हैं, उसके लिए दिल से धन्यवाद. अनुभव के साथ-साथ आत्मविश्वास और रणनीति में सुधार से टीम बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इस मंच पर बिहार की बेटियां अपनी प्रतिभा और हौसले से नया इतिहास रचने को तैयार हैं.”
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन बिहार में खेलों के लिए नए अवसर लेकर आया है. बिहार के विभिन्न शहरों में चल रहे इस आयोजन में न केवल कबड्डी, बल्कि कई अन्य खेलों में भी युवा खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार सरकार की योजनाएं और केंद्र सरकार की खेलो इंडिया पहल ने युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने में अहम भूमिका निभाई है.
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एकेएस/एकेजे
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