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आरओ/एआरओ परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश, प्रश्नपत्र की गोपनीयता सर्वोपरि : मुख्य सचिव

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लखनऊ, 25 जुलाई . उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्यभर के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि 27 जुलाई को आयोजित होने वाली समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 को पूर्ण निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराया जाए. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रश्नपत्रों की गोपनीयता, समयबद्ध वितरण, बायोमेट्रिक सत्यापन और फ्रिस्किंग की व्यवस्था में किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए.

बैठक में महिला सुरक्षा योजनाओं की भी समीक्षा हुई, जहां ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष’ के लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर बल दिया गया. मुख्य सचिव ने कहा कि पीड़ितों को समयबद्ध सहायता देने हेतु जिलाधिकारी संबंधित नोडल अधिकारियों से समन्वय बनाएं. उन्होंने सीएम मॉडल स्कूल योजना के अंतर्गत साइट चयन में देरी करने वाले जिलों को चेताया और अविलंब प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए.

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को पूरी तरह शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई हैं. इसमें एआई के उपयोग से लेकर सीसीटीवी और सोशल मीडिया के जरिए भी निगरानी सुनिश्चित की जा रही है.

उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को सभी 75 जनपदों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही है. प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होने जा रही इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे. इसके लिए समस्त जनपदों में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. हर जिले में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे. परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं.

परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र का चयन कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन से ठीक परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पूर्व किया जाएगा. सभी प्रश्नपत्र आठ मल्टीपल जंबल्ड सीरीज में होंगे, जिन पर यूनिक एवं वेरिएबल बारकोड अंकित होंगे. इन्हें त्रिस्तरीय लॉक वाले गोपनीय ट्रंक बॉक्स में रखा जाएगा, जो पांच स्तरीय टेम्पर्ड प्रूफ पैकिंग से सुरक्षित होंगे. इस गोपनीयता के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया की निगरानी लाइव सीसीटीवी स्ट्रीमिंग के जरिए होगी, जिसे केंद्र, जिला और आयोग स्तर से देखा जा सकेगा. अभ्यर्थियों की पहचान और केंद्र निर्धारण भी पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित रखा गया है. केंद्र आवंटन की प्रक्रिया कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से की गई है, ताकि किसी प्रकार की पक्षपात की संभावना न रहे.

ई-प्रवेश पत्र को ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) आधारित आठ स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ा गया है, जिसमें अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, श्रेणी, हाईस्कूल वर्ष और रोल नंबर जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं. प्रवेश के समय बायोमेट्रिक सत्यापन और फेस रिकग्निशन तकनीक के माध्यम से पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जबकि डबल लेयर फ्रिस्किंग की जिम्मेदारी पुलिस बल और कार्यदायी संस्था साझा रूप से निभाएंगे.

विकेटी/एएस

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