New Delhi, 7 अक्टूबर . विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भले ही हाल की वर्षों में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में कमी आ रही हो, लेकिन तंबाकू उद्योग ने नए तरीके अपनाकर लोगों, खासकर युवाओं को नशे की नई लहर में फंसाने की कोशिश की है. इस नई लहर का कारण ई-सिगरेट है, जो तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
पहली बार डब्ल्यूएचओ ने पूरे विश्व में ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या का अनुमान लगाया है, जो 10 करोड़ से अधिक है. इनमें से करीब 8.6 करोड़ वयस्क हैं, जो ज्यादातर अमीर देशों में रहते हैं.
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कम से कम 1.5 करोड़ बच्चे, जो 13 से 15 साल की उम्र के हैं, ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिन देशों का डेटा उपलब्ध है, वहां ई-सिगरेट पीने वाले बच्चों की संख्या वयस्कों के मुकाबले औसतन नौ गुना ज्यादा है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह स्थिति तंबाकू के खिलाफ अब तक की गई मेहनत और कामयाबी को कमजोर कर रही है और यह दिखाती है कि तंबाकू की समस्या खत्म नहीं हुई है.
डब्ल्यूएचओ के निदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, ”दुनिया भर के देशों में किए जा रहे तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों के चलते लाखों लोग तंबाकू का सेवन बंद कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”लेकिन तंबाकू उद्योग ने नए निकोटिन उत्पादों को बाजार में उतारकर युवाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. Governmentों को अब तंबाकू नियंत्रण की नीतियों को और तेजी से लागू करने की जरूरत है, ताकि इस समस्या को रोका जा सके.”
रिपोर्ट में बताया गया है कि तंबाकू का उपयोग करने वालों की संख्या 2000 में 1.38 अरब थी, जो 2024 तक घटकर 1.2 अरब हो गई है.
2010 से तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में 12 करोड़ की कमी आई है, जो करीब 27 प्रतिशत की गिरावट है. लेकिन इसके बावजूद, आज भी दुनिया के हर पांच में से एक वयस्क व्यक्ति को तंबाकू की लत है, जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत होती है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा, ”तंबाकू उद्योग नई-नई तकनीक और उत्पाद ला रहा है ताकि तंबाकू की लत को बढ़ावा दिया जा सके. इनमें केवल सिगरेट ही नहीं, बल्कि ई-सिगरेट, निकोटिन पाउच और हीटेड तंबाकू उत्पाद भी शामिल हैं. ये सभी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं, खासकर नई पीढ़ी और युवाओं के लिए.”
डब्ल्यूएचओ के एटियेन क्रुग ने कहा कि ई-सिगरेट को ‘हानि कम करने वाला’ बताया जाता है, लेकिन सच यह है कि ये बच्चों को जल्दी निकोटिन की लत में फंसा रहे हैं और तंबाकू नियंत्रण के दशकों के प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं में तंबाकू छोड़ने की संख्या तेजी से बढ़ रही है. महिलाओं में तंबाकू का इस्तेमाल 2010 में 11 प्रतिशत था, जो अब घटकर 2024 में 6.6 प्रतिशत रह गया है. महिला तंबाकू उपयोगकर्ताओं की संख्या भी 27.7 करोड़ से घटकर 20.6 करोड़ हो गई है.
दूसरी तरफ, पुरुष तंबाकू उपयोग करने वालों की संख्या कम होने की रफ्तार धीमी है. पुरुषों में तंबाकू का इस्तेमाल 2010 में 41.4 प्रतिशत था, जो अब 2024 में घटकर 32.5 प्रतिशत हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुष 2031 तक ही तंबाकू नियंत्रण के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे. वर्तमान में दुनिया में तंबाकू सेवन करने वालों में लगभग चार में से तीन पुरुष हैं.
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पीके/एएस
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