नई दिल्ली, 21 मई . एप्पल आईफोन के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन चीन के बाहर सप्लाई चेन स्थापित करना चाहता है. इसी कड़ी में ताइवान की टेक्नोलॉजी दिग्गज भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश कर रही है.
ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने कहा कि उसकी सिंगापुर स्थित ब्रांच ने 12.7 बिलियन शेयरों की खरीद के साथ भारतीय सहायक कंपनी में 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है.
फॉक्सकॉन की भारतीय सहायक कंपनी युजान टेक्नोलॉजी इंडिया तमिलनाडु में स्मार्टफोन के लिए कंपोनेंट्स बनाती है.
पिछले सप्ताह भारत सरकार ने फॉक्सकॉन को एचसीएल ग्रुप के साथ 3,700 करोड़ रुपए के संयुक्त उद्यम के हिस्से के रूप में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने की मंजूरी दी थी.
यह प्लांट मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और दूसरे डिस्प्ले से लैस डिवाइस के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन करेगा. इसे हर महीने 20,000 वेफर्स को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसकी आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति महीने है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “पहले से ही पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स निर्माण के एडवांस स्टेज में हैं. इस छठी यूनिट के साथ, भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ता जाएगा.”
भारत का सेमीकंडक्टर परिदृश्य तेजी से आकार ले रहा है. कई राज्यों में कटिंग-एज डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किए गए हैं, राज्य सरकारें सक्रिय रूप से डिजाइन फर्मों को ऑपरेशनल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
शैक्षणिक और स्टार्टअप स्तर पर 270 संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और इनोवेटर नेक्स्ट जनरेशन के सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट बनाने के उद्देश्य से एडवांस डिजाइन टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं.
वहीं, सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विस्तार हो रहा है. प्रमुख उपकरण निर्माता एप्लाइड मटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने भारत में परिचालन स्थापित किया है. मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड और आईनॉक्स जैसे रासायनिक और गैस आपूर्तिकर्ता भी बढ़ते घरेलू सेमीकंडक्टर क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर काम करने की तैयारी कर रहे हैं.
मोबाइल, लैपटॉप, सर्वर, मेडिकल उपकरण, डिफेंस सिस्टम और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग वृद्धि से सेमीकंडक्टर की मांग में उछाल के कारण, इस आगामी प्लांट से केंद्र सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण में योगदान मिलने की उम्मीद है.
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एसकेटी/एबीएम
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