New Delhi, 21 अक्टूबर . केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र सीहोर के किसान भाइयों-बहनों को खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में आज सीहोर कलेक्टर कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक ली. बैठक में शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि किसानों को कहीं कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, खाद सबको मिलनी चाहिए.
सीहोर के किसानों के हित में क्षेत्रीय विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को खाद का वितरण पूरी पारदर्शिता से किया जाए. उन्होंने बैठक में वर्चुअल जुड़े केंद्र Government के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही Bhopal से जुड़े राज्य Government के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उर्वरक कंपनियों से समन्वय कर समान रूप से खाद वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
शिवराज सिंह ने सीहोर के लिए डीएपी के अतिरिक्त रैक दिलवाने के लिए मंत्रालय स्तर पर फॉलोअप करने को भी कहा, साथ ही रबी की बोवनी अच्छी तरह से संपन्न करने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को टोकन नंबर देने के साथ ही किसानों के बैठने और पेयजल आदि की सुविधाएं वितरण केंद्रों पर उपलब्ध करवाने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसानों से खाद के साथ टैगिंग (अन्य उत्पादों की जबरन बिक्री) की मिलने वाली शिकायतों और ब्लैकमेलिंग के मामलों में कठोरतम कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि नकली खाद बेचना महापाप है. उन्होंने नकली या घटिया खाद के मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी भेजे हैं.
शिवराज सिंह ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से खाद बुलेटिन प्रतिदिन मीडिया और social media के माध्यम से जारी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए, साथ ही किसानों के बीच जागरूकता का प्रसार करने को भी कहा, ताकि खाद लेने में उन्हें कहीं कोई परेशानी पेश नहीं आए. उन्होंने कहा कि किसानों को इस बात के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अन्य तरह की खाद के अलावा यदि एनपीके उपलब्ध हो तो वो ले लें. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी विभाग किसानों के मामले में संवेदनशील होकर कार्य करें, हमारे लिए हमारे किसान सर्वोपरि हैं, उन्हें कोई तकलीफ बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बैठक में कहा कि किसानों को अतिवर्षा और अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण हुए सोयाबीन और अन्य फसलों के नुकसान की पूरी भरपाई Prime Minister फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और आरबीसी 6/4 के प्रावधानों के तहत की जाए. शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि निजी बैंकों के स्तर पर भी किसानों द्वारा जमा की जाने वाली प्रीमियम और उन्हें फसल बीमा के क्लेम की राशि मिलने में कहीं कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
बैठक में रिमोट सेंसिंग सहित तकनीक आधारित आंकलन के अलावा फसल नुकसान, विशेषकर सोयाबीन की फसल के संबंध में क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह द्वारा निर्देशित किया गया, ताकि किसानों के नुकसान का वास्तविक आंकलन हो सके और उन्हें पूरा क्लेम मिल सके.
शिवराज सिंह ने कहा कि हमने किसानों के हित में Prime Minister फसल बीमा योजना के नियम और प्रावधानों को काफी सरल किया है और अनेक सुधार किए हैं. इसके अंतर्गत नुकसान की स्थिति में सर्वे के लिए अब गांव को इकाई और आधार माना गया है, ताकि किसानों को यदि कोई फसल का नुकसान होता है तो उन्हें पूरा मुआवजा मिल सके.
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि प्रशासन के स्तर पर नुकसान का सर्वे सही तरीके से हो, वहीं बीमा कंपनियां क्लेम देने की व्यवस्था को अच्छी तरह से लागू करें. एसडीएम अपनी टीम जहां जरूरत हो, वहां भेजें. पुराने मामले में भी यदि किसानों को क्लेम नहीं मिल पाया हो तो उसे क्रॉसचेक करा लिया जाए. कुल मिलाकर, किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पीएमएफबीवाई के सीईओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कंपनियों के प्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के अधिकारी हाइब्रिड मोड में शामिल हुए.
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पीएसके
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