New Delhi, 5 अक्टूबर . दिल्ली Police की स्पेशल सेल (साउदर्न रेंज) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग के प्रमुख लॉजिस्टिक प्रोवाइडर हरीश सैनी उर्फ हितेश उर्फ लक्की (35) को गिरफ्तार किया है. Police ने आरोपी के पास से एक सिंगल शॉट पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. आरोपी पर दिल्ली-एनसीआर में लूट और आर्म्स एक्ट के तीन गंभीर मामलों में पहले से मुकदमे दर्ज हैं.
इस गिरफ्तारी के साथ ही Haryana के झज्जर जिले के बदली थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा भी हो गया है.
Police के अनुसार, 17 जुलाई 2025 को Haryana के झज्जर जिले के लाडपुर गांव में संदीप उर्फ बबलू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाले दोनों हमलावर उस समय अज्ञात थे. जांच में खुलासा हुआ कि इस हत्याकांड में कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग का हाथ था और हरीश सैनी उर्फ हितेश ने ही हमलावरों के लिए महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक सपोर्ट (ठिकाना, हथियार और वाहन) उपलब्ध कराए थे. इस मामले में झज्जर Police स्टेशन बदली में First Information Report दर्ज की गई थी.
स्पेशल सेल (साउदर्न रेंज) की टीम, एसीपी नीरज कुमार और इंस्पेक्टर सुमित कादयान के नेतृत्व में गठित टीम ने कार्रवाई की. इस टीम में एसआई मनीष, एसआई वीरेंद्र, हेड constable राजीव, हेड constable दीपक शर्मा, constable सोनू, constable नसीब और महिला constable रजनी शामिल थे.
1 अक्टूबर को हेड constable राजीव को सूचना मिली कि हरीश सैनी उर्फ हितेश दिल्ली के निहाल विहार क्षेत्र में एक मकान में छिपा हुआ है. टीम ने तत्काल वहां रेड की. Police टीम को देखते ही आरोपी ने भागने की कोशिश की और कपड़ों के नीचे से पिस्टल निकालकर Police पर तान दी. हालांकि, सतर्क Policeकर्मियों ने उसे काबू में कर लिया और मौके से एक पिस्टल और एक जिंदा कारतूस बरामद किया.
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी हरीश सैनी उर्फ हितेश का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है. उसके खिलाफ पहले से तीन मामले दर्ज हैं.
हरीश सैनी उर्फ हितेश ने सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की. पिता के निधन के बाद उसकी मां घरेलू काम करके परिवार का भरण-पोषण करती थीं. उसका बड़ा भाई मोहान गार्डन थाने में दर्ज एक हत्या के मामले में इस समय तिहाड़ जेल में बंद है.
तिहाड़ जेल में ही हरीश की मुलाकात कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग के सदस्यों से हुई और वहीं से उसने गैंग के लिए काम करना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे वह गैंग का भरोसेमंद लॉजिस्टिक सप्लायर बन गया, जो हमलावरों को ठिकाना, वाहन और हथियार उपलब्ध कराता था.
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पीएसके
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