Next Story
Newszop

जीएसटी में सुधार सही समय पर उठाया गया कदम, जरूरी वस्तुओं पर कम हो सकता है टैक्स : एक्सपर्ट

Send Push

New Delhi, 16 अगस्त . दिग्गज टैक्स एक्सपर्ट अजय रोट्टी ने Saturday को सरकार द्वारा जीएसटी में सुधार लाने की घोषणा स्वागत किया और कहा कि यह कदम सही समय पर उठाया गया है और इसकी काफी आवश्यकता थी.

समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए अजय रोट्टी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में सुधार को लेकर किया गया ऐलान काफी महत्वपूर्ण है.

रोट्टी ने कहा, “जब जीएसटी लागू किया गया था, तो रेवेन्यू-न्यूट्रल रेट हासिल करने के लिए कई दरें अपनाई गईं, जिसमें 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत शामिल हैं. इसकी वजह राज्यों में वैट, चुंगी और अन्य करों का समाप्त होना था. यह कर ढांचा दीर्घकालिक दृष्टि से उपयुक्त नहीं था.”

उन्होंने कहा, “इसके मूल विजन में दो मुख्य दरें हैं. इसमें कुछ वस्तुओं को प्रोत्साहित करने और छोटे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए कम दर, और एक मानक दर, जिसमें अपवाद के रूप में केवल सिन गुड्स पर ही उच्च दर लागू होती थी.”

रोट्टी के मुताबिक, नए स्ट्रक्चर में दो मुख्य स्लैब होंगे, पहला-5 प्रतिशत और दूसरा -18 प्रतिशत, जिसमें सिन गुड्स के लिए टैक्स की दर 40 प्रतिशत होगी. वहीं, मौजूदा 12 प्रतिशत के स्लैब को 5 प्रतिशत के साथ मिलाया जा सकता है, जिसमें कई रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं आती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए भाषण में जीएसटी व्यवस्था में व्यापक बदलावों का संकेत देते हुए कहा, “इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली मनाने जा रहा हूं. देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती होगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी दरों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और इसे “समय की मांग” बताया. उन्होंने घोषणा की, “जीएसटी दरों में भारी कमी की जाएगी. आम लोगों के लिए कर कम किया जाएगा.”

इसके अतिरिक्त, रोट्टी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग पर एसएंडपी के सकारात्मक रुख और 6.5 प्रतिशत की स्थिर जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान का भी स्वागत किया.

उन्होंने को बताया, “यह वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है. अमेरिकी टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है, क्योंकि अमेरिका से होने वाला निर्यात भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक छोटा सा हिस्सा है.”

एबीएस/

Loving Newspoint? Download the app now