उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बर्ड फ्लू के कारण हड़कंप मच गया है। शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू से पांच जानवरों की मौत के बाद महानगर में बर्ड फ्लू की पुष्टि ने चिंता बढ़ा दी है। चार चिकन दुकानों और चिड़ियाघर से लिए गए सैंपल पॉजिटिव पाए गए, जिसके चलते प्रशासन ने 21 दिन तक चिकन दुकानों को बंद करने के निर्देश दिए हैं।
मुर्गे नष्ट, दुकानें सैनिटाइज, एक किलोमीटर क्षेत्र में चला अभियान
अधिकारियों ने संबंधित दुकानों पर पहुंचकर मुर्गों को नष्ट किया, दुकानों को सैनिटाइज किया और आसपास के एक किलोमीटर क्षेत्र में संपूर्ण विसंक्रमण (सेनेटाइजेशन) की कार्रवाई की। यह कदम संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। प्रशासन ने महानगर के सभी चिकन शॉप संचालकों को विशेष एहतियात बरतने और शहरवासियों से अफवाहों से बचने की अपील की है।
इन स्थानों पर मिले संक्रमित सैंपल
गोरखपुर महानगर के झुंगिया बाजार, हड़हवा फाटक स्थित एल्युमिनियम फैक्ट्री के पास, तारामंडल और भगत चौराहा की चिकन दुकानों से लिए गए सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही, शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान से भी लिए गए सैंपल संक्रमित मिले हैं। ये सभी सैंपल 20 मई को नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलेक्ट किए गए थे। इनमें से कुछ सैंपल में एवियन इन्फ्लुएंजा H5N1 और H9N2 वायरस की पुष्टि हुई है। इससे चिकन दुकानदारों में भी चिंता का माहौल है। दुकानदारों ने बताया कि अधिकारियों ने मुर्गों को मारकर उन्हें अपने साथ ले गए, जिससे रोज कमाने-खाने वाले छोटे व्यापारियों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
21 दिन तक नहीं बिकेगा मांस, बाजारों में सख्ती
गोरखपुर महानगर और ग्रामीण इलाकों में लाइव बर्ड मार्केट (यानी जीवित मुर्गा बेचने वाली दुकानों) को 21 दिन तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों ने बाजारों में जाकर चिकन दुकानों को तत्काल बंद कराया और रॉ मैटेरियल को नष्ट किया। संक्रमण वाले क्षेत्रों में 1 किलोमीटर की परिधि में मुर्गों की कुलिंग की गई और पूरे इलाके को सेनिटाइज किया गया।
अफवाहों से बचें, प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कदम एहतियातन उठाया गया है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। इसके साथ ही, जानकारी दी गई कि गोरखपुर-बस्ती मंडल से कुल 1470 सैंपल, और गोरखपुर जिले से 1328 सैंपल जांच के लिए लिए गए, जिनमें अधिकतर रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। ये सभी सैंपल भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NISHAD) में जांच के लिए भेजे गए थे।
बाघिन शक्ति की मौत से मचा था हड़कंप
7 मई को गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत हुई थी, जिसकी रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। इससे पहले, 4 मई को बहराइच से लाई गई भेड़िया भैरवी और 8 मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई थी। जांच में इन दोनों के बिसरा रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद, एक काकातिया पक्षी और बब्बर शेर पटौदी की भी कानपुर चिड़ियाघर में मौत हो गई थी। इसके बाद एहतियात के तौर पर चिड़ियाघर को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
कर्मचारियों की जांच और चिड़ियाघर में सावधानी
चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की भी बर्ड फ्लू जांच करवाई गई है। राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त टीम ने निरीक्षण कर अंदेशा जताया कि संक्रमण की वजह विदेशी पक्षी या कौवे हो सकते हैं। मरे हुए कौवों की रिपोर्ट में भी बर्ड फ्लू पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने चिड़ियाघर के बाड़ों को पूरी तरह ढकने के निर्देश दिए हैं।
20 मई को लिए गए थे सैंपल, रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि 20 मई को चार चिकन दुकानों और चिड़ियाघर से सैंपल लिए गए, जिन्हें भोपाल स्थित लैब भेजा गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महानगर की सभी चिकन दुकानों को 21 दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी हुआ। इस दौरान 8 टीमें — जिसमें स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी शामिल थे — ने दुकानों पर जाकर सेनिटाइजेशन किया, संक्रमित सामग्री नष्ट की और दुकानों को सील किया।
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