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दुनिया की खबरें: ट्रंप ने कहा- ईरान के पास बस दो ही विकल्प और 'सिंधु जल संधि' खत्म करने से तिलमिलाया पाकिस्तान

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को ईरान पर दबाव बढ़ाते हुए चेतावनी दी कि उसके परमाणु कार्यकम को लेकर उत्पन्न गतिरोध का समाधान करने के लिए दो ही विकल्प है, पहला या तो समझौता करे या संभावित हवाई हमले के लिए तैयार रहे।

ट्रंप ने कतर के शीर्ष कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमे यह देखना चाहेंगे कि क्या हम ईरान की समस्या को बिना किसी ताकत के इस्तेमाल के समझदारी से हल कर सकते हैं। इसके केवल दो ही विकल्प हैं: बुद्धिमानी और ताकत।’’

ट्रंप ने यह भी कहा कि कतर के सत्तारूढ़ अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कूटनीतिक समझौते के लिए दबाव डाल रहे थे।

कतर ईरान के साथ एक विशाल अपतटीय तेल और गैस क्षेत्र साझा करता है जो उसकी संपन्नता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने कल रात कहा कि ईरान बहुत भाग्यशाली है कि उसके पास अमीर है क्योंकि वह वास्तव में उनके लिए लड़ रहे हैं। वह नहीं चाहते कि हम ईरान पर घातक कार्रवाई करें। वे कहते हैं कि आप समझौता कर सकते हैं। वे वास्तव में लड़ रहे हैं। मेरा अभिप्राय है कि और मेरा मानना है कि ईरान को अमीर को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहिए।’’

एक अन्य बिंदु पर ट्रंप ने कहा, ‘‘ जहां तक ईरान का सवाल है तो वे अच्छा ड्रोन बनाते हैं।’’

गाजा में हवाई हमले में पत्रकार, एक ही परिवार के 12 सदस्य समेत 54 लोगों की मौत

गाजा के दक्षिणी शहर खान यूनिस में बृहस्पतिवार तड़के हुए हवाई हमलों में 54 लोगों की मौत हो गई।

एसोसिएटेड प्रेस के कैमरामैन ने 10 हवाई हमलों की पुष्टि की और उसने बताया कि शवों को टुकड़ों में अस्पताल लाया गया।

मृतकों में ‘अल अराबी टीवी’ के पत्रकार हसन समूर और उनके परिवार के 11 अन्य सदस्य शामिल हैं।

यह लगातार दूसरा दिन था जब गाजा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में जबरदस्त बमबारी हुई।

इजराइली सेना की ओर से इन हमलों पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

यह हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्य पूर्व की यात्रा पर हैं, हालांकि वह इजराइल नहीं जाएंगे।

इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हमास को खत्म करने के लिए बल का प्रयोग तेज करने का संकल्प लिया है।

अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने इस योजना को ‘नरसंहार जैसा’ बताया है।

गाजा में अब तक करीब 53,000 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है और करीब पांच लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं।

हमास ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमले के दौरान बंधक बनाए गए लगभग 250 लोगों में से 58 लोगों को अभी भी बंधक बना रखा है, जिनमें से 23 के अब भी जीवित होने का अनुमान है। हालांकि इजराइली अधिकारियों ने उनमें से तीन की स्थिति के बारे में संदेह व्यक्त किया है।

कतर में ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाक में तनाव ‘खत्म करने में मदद’ का दावा किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव “खत्म करने में मदद” की।

कतर में अल-उदीद वायुसेना अड्डे पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “...वैसे तो मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने ऐसा किया, लेकिन मैंने पिछले हफ्ते पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव खत्म करने में निश्चित रूप से मदद की, जो लगातार बढ़ता जा रहा था।”

उन्होंने कहा कि अचानक आपको अलग तरह की मिसाइल (दोनों देशों में तनाव) नजर आती हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इसे (तनाव को) खत्म करने में मदद की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जब मैं दो दिन बाद यहां से जाऊंगा तो मुझे यह सुनने को नहीं मिलेगा कि यह बरकरार है, हालांकि मुझे लगता है कि समाधान हो चुका है।”

पिछले शनिवार के बाद से यह छठी बार है, जब ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान “संघर्ष-विराम” के लिए राजी हुए।

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए।

भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई की।

दोनों देशों में 10 मई को सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से पूर्ण रूप से रोकने की सहमति बनी।

भारत सरकार के सूत्र लगातार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत में जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस कवायद में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।

कतर में अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से “व्यापार” के बारे में बात की।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हंसते हुए कहा, “चलिए, युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान इससे बहुत खुश था, भारत भी इससे बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे इस रास्ते पर हैं, आप जानते हैं, वे लगभग 1,000 वर्षों से लड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “तो मैंने कहा, आप जानते हैं, मैं इसे सुलझा सकता हूं। मैं कुछ भी सुलझा सकता हूं। मुझे इसे ठीक करने दें। चलिए, हम आपको साथ लाते हैं। आप कब से लड़ रहे हैं? लगभग 1,000 साल से। ओह, यह बहुत लंबा समय है।”

ट्रंप ने कहा, “मैं इस बारे में आश्वस्त नहीं था। मैं समझौता कराने को लेकर आश्वस्त नहीं था। यह एक कठिन काम था। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं, लेकिन हमने इसे सुलझा दिया। हर कोई बहुत खुश था। मैं आपसे कह रहा हूं कि ऐसा लग रहा था कि यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने वाला था।”

ट्रंप ने बीते शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान “अमेरिका की मध्यस्थता में रात भर चली बातचीत” के बाद “पूर्ण और तत्काल संघर्ष-विराम” पर सहमत हो गए हैं।

बाद में एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे के “समाधान” के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की थी। उन्होंने संघर्ष रोकने का “ऐतिहासिक और साहसी फैसला” लेने में दोनों देशों की मदद करने का श्रेय वाशिंगटन को दिया था।

नयी दिल्ली ने हमेशा यही कहा है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।

ट्रंप ने जेलेंस्की के साथ इस्तांबुल वार्ता में शामिल नहीं होने के पुतिन के निर्णय को तवज्जो नहीं दी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात से हैरान नहीं हैं कि इस हफ्ते तुर्किये में यूक्रेन के साथ होने वाली शांति वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं शामिल होंगे।

ट्रंप ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में मिलने पर जोर दिया था। उन्होंने अपेक्षित वार्ता में भाग न लेने के पुतिन के फैसले को तवज्जो नहीं दी।

पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तीसरे दिन दोहा में अधिकारियों के साथ एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि पुतिन के लिए वहां जाना संभव है, अगर मैं वहां नहीं हूं।’’

इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने संभावित रूप से खुद के भाग लेने की बात कही थी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को उल्लेख किया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ‘नाटो’ समकक्षों के साथ बैठकों के लिए पहले से ही देश में हैं।

ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की योजना प्रत्याशित रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए शुक्रवार को इस्तांबुल में रहने की है।

जेलेंस्की और पुतिन के बीच सीधी बातचीत के लिए यह दबाव रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम समझौता के उद्देश्य से कई वार्ता के बीच बनाया गया है।

पुतिन ने बृहस्पतिवार को तुर्किये के शहर में यूक्रेन के साथ सीधी शांति वार्ता फिर शुरू करने का प्रस्ताव सबसे पहले रखा। जेलेंस्की ने पुतिन को तुर्किये में व्यक्तिगत रूप से मिलने की चुनौती दी।

लेकिन क्रेमलिन ने कहा है कि वार्ता में उसके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे और इसमें तीन अन्य अधिकारी शामिल होंगे।

यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने कहा कि जेलेंस्की केवल रूसी नेता के साथ बैठेंगे।

कतर की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद ट्रंप पश्चिम एशिया में एक अमेरिकी प्रतिष्ठान में अमेरिकी सैनिकों से बातचीत के लिए रुके। उन्होंने खाड़ी देशों की अपनी चार दिवसीय यात्रा का उपयोग इस क्षेत्र में अमेरिका के अतीत के ‘हस्तक्षेपवाद’ को अस्वीकार करने के लिए किया है।

यह प्रतिष्ठान (अल-उदीद एयरबेस) इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्धों के दौरान एक प्रमुख पड़ाव था। इस बेस पर लगभग 8,000 अमेरिकी सैनिक हैं, जबकि उन युद्धों के दौरान लगभग 10,000 सैनिक थे।

ट्रंप ने सैनिकों से कहा कि उनकी प्राथमिकता संघर्षों को समाप्त करना है, उन्हें शुरू करना नहीं।

ट्रंप ने कहा, ‘‘लेकिन यदि अमेरिका या हमारे साझेदारों की रक्षा के लिए आवश्यक हुआ तो मैं अमेरिकी शक्ति का प्रयोग करने में कभी संकोच नहीं करूंगा।’

राष्ट्रपति ने सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों को संघर्षग्रस्त क्षेत्र में आर्थिक विकास के मॉडल के रूप में पेश किया। उन्होंने कतर के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल ईरान को इस बात के लिए प्रेरित करने के वास्ते करें कि वह परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ एक समझौते की शर्तों पर राजी हो जाए।

ट्रंप ने कहा कि वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन चेतावनी दी कि यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो ‘हिंसक कदम’ उठाया जा सकता है। ट्रंप ने कारोबार से जुड़े गोलमेज बैठक में कहा, ‘‘ईरान ने शर्तों पर एक तरह से सहमति जताई है: वे नहीं बनाने जा रहे हैं, मैं इसे दोस्ताना तरीके से परमाणु धूल कहता हूं। हम ईरान में कोई परमाणु धूल नहीं बनाने जा रहे हैं।’’

ट्रंप बृहस्पतिवार को अपने पश्चिम एशिया दौरे के अंतिम चरण में संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी की यात्रा करेंगे।

वह देश की सबसे बड़ी मस्जिद शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का दौरा करेंगे। यूएई के संस्थापक शेख जायद को मस्जिद के मुख्य प्रांगण में दफनाया गया है।

यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान राजकीय यात्रा पर आए ट्रंप की शाम को कसर अल वतन महल में मेजबानी करेंगे।

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