मधुमेह यानी डायबिटीज़ एक ऐसी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है, जिसमें खानपान की भूमिका सबसे अहम होती है। इस स्थिति में हर भोजन को सोच-समझकर खाना पड़ता है क्योंकि यह सीधा ब्लड शुगर लेवल पर असर डालता है। ऐसे में अक्सर डायबिटिक मरीजों के मन में यह सवाल उठता है कि “क्या अंडा खाना उनके लिए सुरक्षित है?”
स्वाद, पोषण और प्रोटीन के लिहाज़ से अंडा एक संपूर्ण आहार माना जाता है। लेकिन डायबिटीज़ जैसी स्थिति में इसका सेवन फायदेमंद है या नुकसानदायक — यह समझना बेहद जरूरी है। आइए जानें वैज्ञानिक तथ्यों, पोषण विशेषज्ञों की राय और अंडे से मिलने वाले संभावित फायदों के बारे में।
अंडा: पोषण से भरपूर लेकिन संतुलन जरूरी
एक मध्यम आकार के अंडे में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन और बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट (लगभग 0.6 ग्राम) होता है। यही कारण है कि अंडा डायबिटीज़ के मरीजों के लिए एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है, जो ब्लड शुगर को तेज़ी से नहीं बढ़ाता।
डायबिटीज के मरीजों के लिए अंडे के 5 प्रमुख फायदे:
1. ब्लड शुगर कंट्रोल में मददगार
अंडे में कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है, जिससे यह डायबिटिक डाइट के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन पाचन को धीमा करता है और ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को स्थिर रखता है।
2. वज़न नियंत्रण में सहायक
डायबिटीज़ के मैनेजमेंट में वज़न नियंत्रण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंडा लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।
3. हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर
हालांकि अंडे में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है, लेकिन हाल के शोधों के अनुसार, एक दिन में एक अंडा खाने से हृदय पर नकारात्मक असर नहीं पड़ता, विशेषकर यदि व्यक्ति सामान्य रूप से संतुलित आहार ले रहा हो।
4. आंखों और मस्तिष्क के लिए लाभकारी
अंडे में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखते हैं — और यह डायबिटीज से जुड़ी आंखों की समस्याओं से बचाने में सहायक हो सकते हैं।
5. प्रोटीन का उम्दा स्रोत
डायबिटीज़ के रोगियों को दिनभर में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा लेनी चाहिए ताकि ऊर्जा बनी रहे और मांसपेशियों की मरम्मत हो सके। अंडा इस आवश्यकता को पूरी करता है।
कितनी मात्रा है सुरक्षित?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो दिन में एक पूरा अंडा डायबिटीज़ के मरीज के लिए सामान्यतः सुरक्षित है, बशर्ते वह संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को भी अपनाए। यदि मरीज को कोलेस्ट्रॉल की भी समस्या हो, तो अंडे की जर्दी (yolk) कम मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।
किन मरीजों को सतर्क रहना चाहिए?
जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, या फैटी लिवर की समस्या हो
जो पहले से ही अत्यधिक वसा युक्त भोजन लेते हों
जिन्हें अंडे से एलर्जी हो
इन स्थितियों में अंडा खाने से पहले डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लेना जरूरी है।
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