Next Story
Newszop

यूरोप में बिना फीस भरे पढ़ने का मौका, बस ट्यूशन फ्री यूनिवर्सिटी में लेना होगा ट्रांसफर, समझें प्रोसेस

Send Push
Europe University Transfer Rules: विदेश में पढ़ाई करने के कई फायदे हैं, जिसमें अच्छी क्वालिटी वाली एजुकेशन, बेहतर नौकरी के अवसर और आसान इमिग्रेशन प्रोसेस शामिल हैं। हर साल लाखों की संख्या में भारतीय छात्र विदेश में पढ़ने जा रहे हैं। वे विदेशी यूनिवर्सिटीज में हजारों डॉलर खर्च कर एडमिशन ले रहे हैं। हालांकि, विदेश में पढ़ना महंगा होता है और गिरते रुपये की वजह से छात्रों की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ रही है। विदेशी डिग्री लेना पहले के मुकाबले अब ज्यादा महंगा हो चुका है। मगर अच्छी बात यह है कि बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटीज के विकल्प भी मौजूद हैं। इनसे बिना ज्यादा पैसे खर्च किए अच्छी शिक्षा मिल सकती है। इन संस्थानों में एप्लिकेशन, किताबों या कोर्स मटेरियल के लिए कोई फीस नहीं लगती। हालांकि, एडमिनिस्ट्रेटिव फीस के तौर पर कुछ पैसे देने पड़ सकते हैं। अगर आप एक भारतीय छात्र हैं और विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, तो यूरोप की बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटीज में ट्रांसफर करने के बारे में सोच सकते हैं। इसके लिए आपको 'यूरोपियन क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम' (ECTS) को समझना होगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। क्या है ECTS और ये कैसे काम करता है?ECTS एक ऐसा तरीका है, जिससे छात्र एक देश से दूसरे देश में जा सकते हैं। इससे विदेश में हासिल की गई उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और पढ़ाई को मान्यता मिलती है। ECTS के जरिए एक कॉलेज-यूनिवर्सिटी में हासिल क्रेडिट को दूसरे संस्थान में डिग्री के लिए गिना जा सकता है। अब सवाल उठता है कि ये कैसे काम करता है। इसका जवाब ये है कि अगर आप यूरोप में किसी ऐसी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं जो यूरोपियन क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम का इस्तेमाल करती है, तो आप बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप भारत की किसी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, तो आप इस सिस्टम का इस्तेमाल करके यूरोप के बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर नहीं कर सकते। ECTS सिस्टम कहां उपलब्ध है?यूरोपीय आयोग की वेबसाइट के अनुसार, "ECTS को यूरोपियन हायर एजुकेशन एरिया (EHEA) के अधिकांश देशों ने अपनाया है।" वर्तमान में, EHEA में 49 देश शामिल हैं, जिनमें ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड और स्वीडन जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। इसका मतलब है कि अगर आप इन देशों में से किसी एक में पढ़ते हैं, तो फिर आप आसानी से दूसरे देश में ट्रांसफर ले सकते हैं और ट्यूशन फ्री एजुकेशन हासिल कर सकते हैं। कौन ECTS सिस्टम का इस्तेमाल कर सकता है?ECTS का इस्तेमाल फुल-टाइम बैचलर, मास्टर और डॉक्टरेट (PhD) डिग्री के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, ये स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए भी उपयोगी है। यदि आप आगे पढ़ना चाहते हैं, तो आप ECTS का इस्तेमाल करके आगे की पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। ECTS क्रेडिट को स्टडी आवर्स में कैसे बदला जाता है?ECTS क्रेडिट एक स्टडी प्रोग्राम में एक मॉड्यूल को पूरा करने के लिए जरूरी वर्कलोड को दर्शाता है। आमतौर पर फुल-टाइम स्टडी के एक साल में 60 ECTS क्रेडिट होते हैं। बैचलर डिग्री के लिए ECTS प्वाइंट्स 180 ECTS (तीन साल फुल-टाइम) से लेकर 240 ECTS (चार साल फुल-टाइम) तक होते हैं। मास्टर प्रोग्राम के लिए ECTS प्वाइंट 60 ECTS से लेकर 120 ECTS तक होंगे। एक ECTS क्रेडिट में कितने स्टडी आवर्स होते हैं, यह EHEA के विभिन्न देशों में अलग-अलग होता है। कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:
  • ब्रिटेन: 1 ECTS = 20 स्टडी आवर्स
  • ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, इटली, माल्टा: 1 ECTS = 25 स्टडी आवर्स
  • फिनलैंड, लिथुआनिया, स्वीडन: 1 ECTS = 27 स्टडी आवर्स
  • नीदरलैंड, पुर्तगाल: 1 ECTS = 28 स्टडी आवर्स
  • जर्मनी: 1 ECTS = 30 स्टडी आवर्स
हम आपको सलाह देते हैं कि आप यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर देखें कि क्या किसी विशेष मॉड्यूल के लिए ECTS क्रेडिट दिए गए हैं। ECTS क्रेडिट का मकसद क्या है?इस सिस्टम से छात्र आसानी से यूरोपीय यूनिवर्सिटीज या ECTS क्रेडिट स्वीकार करने वाले संस्थानों के बीच ट्रांसफर कर सकते हैं। आप अपने ECTS क्रेडिट को यूके या यूएस क्रेडिट प्वाइंट में भी बदल सकते हैं, क्योंकि दो यूके क्रेडिट एक ECTS क्रेडिट के बराबर होते हैं। एक यूएस क्रेडिट दो ECTS प्वाइंट्स के बराबर होता है। क्या आपको बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करना चाहिए?आप EHEA के भीतर किसी यूनिवर्सिटी से प्राप्त ECTS क्रेडिट को बिना ट्यूशन फीस वाले संस्थान में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन आपको एक अलग देश में रहने और पढ़ाई करने के खर्चों पर भी सोचना चाहिए। उदाहरण के लिए, नॉर्वे में रहने का खर्च 20,000 से 40,000 नॉर्वेजियन क्रोन तक हो सकता है। इसके अलावा आपको अपने नए वातावरण में ढलने में भी समय लगेगा। साथ ही आपको एक अलग लर्निंग स्टाइल के साथ तालमेल बिठाना होगा, क्योंकि कुछ बिना ट्यूशन फीस वाली यूनिवर्सिटीज रिसर्च-आधारित ट्रेनिंग पर जोर देती हैं, जिसमें छात्रों को क्लास में सक्रिय रूप से भाग लेना होता है।
Loving Newspoint? Download the app now