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बॉडी बनाने के चक्कर में कहीं शरीर तो नहीं तोड़ रहे, ऐसा ना हो फायदे की जगह हो जाए नुकसान जानिए डॉ की सलाह

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आजकल सोशल मीडिया पर हर दूसरा व्यक्ति फिट बॉडी, 6-पैक एब्स और टोन्ड फिजिक को लेकर प्रेरित दिखता है। ये मोटिवेशन बुरा नहीं है, लेकिन जब ये जुनून में बदल जाता है, तब खतरे की घंटी बज सकती है। कुछ लोग जल्दी रिज़ल्ट पाने के चक्कर में एक्सरसाइज़ का ओवरडोज़ लेने लगते हैं, जो शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है।

जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट ​डॉ एस एस सीबीआ ने इस विषय में चेतावनी दी है कि अगर आप जरूरत से ज़्यादा वर्कआउट करते हैं, तो न केवल मसल्स पर असर पड़ता है, बल्कि दिल, हड्डियों और दिमाग की सेहत पर भी बुरा असर हो सकता है। हेल्थ को बेहतर करने की बजाय आप अनजाने में उसे बिगाड़ सकते हैं।

वर्कआउट ज़रूर करें, लेकिन शरीर की सीमाएं पहचानें। एक संतुलित रूटीन, जिसमें सही एक्सरसाइज़, भरपूर नींद और हेल्दी डाइट शामिल हो, वही आपकी असली जीत है। बॉडी बिल्डिंग का मतलब खुद को तोड़ना नहीं, बल्कि समझदारी से बनाना है। (Photo credit):iStock


ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज़: फायदे से ज़्यादा नुकसान image

शरीर को रिपेयर और रिकवरी का वक्त मिलना बहुत ज़रूरी है। अगर आप रोज़ाना घंटों वर्कआउट करते हैं, तो मसल्स में दर्द, जोड़ों में सूजन और एनर्जी ड्रेन जैसी समस्याएं आ सकती हैं।


दिल की सेहत को नजरअंदाज़ न करें image

ओवर एक्सरसाइज़ से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हर्ट बीट असामान्य हो सकती है। इससे भविष्य में कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


इम्यूनिटी होती है कमजोर, बार-बार बीमार पड़ना आम image

लगातार थका हुआ शरीर अपना डिफेंस सिस्टम कमजोर कर देता है। ऐसे में मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, बुखार या थकान जैसी परेशानियाँ पीछा नहीं छोड़तीं।


मानसिक थकावट और चिड़चिड़ापन भी है संकेत image

जब शरीर को आराम नहीं मिलता, तो उसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। मन अशांत रहता है, नींद कम हो जाती है और गुस्सा जल्दी आता है। ये सब संकेत हैं कि आपको रुकने और संतुलन बनाने की ज़रूरत है।


डॉक्टर की सलाह: कम करें लेकिन सही करें image

डॉ एस एस सीबीआ का कहना है कि सप्ताह में 4-5 दिन, 30-40 मिनट की माडरेट फिजिकल एक्टिविटी पर्याप्त है। इसके साथ सही डाइट, तनाव मुक्त जीवनशैली और नींद पूरी करना ज़रूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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