नेचर बेस्ट हीलर होता है। यह आपके तन और मन दोनों पर कई सकारात्मक प्रभाव डालता है। नेचर के बीच मात्र कुछ मिनट बिताने से ही मेंटल हेल्थ बूस्ट होता है। प्रकृति से जुड़े रहने का एक बेस्ट तरीका है गार्डनिंग करना। जो लोग गार्डनिंग का शौक रखते हैं उनका मेंटल हेल्थ काफी बढ़िया बना रहता है।
गार्डनिंग करने से आप प्रेजेंट मूमेंट में जीना सीखते हैं, जिससे तनाव कम होता है, मूड बेहतर होता है और आप अधिक खुश महसूस करते हैं। यही नहीं, प्रकृति आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करती है।
इसके अलावा भी गार्डनिंग करने के कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं, जिनके बारे में आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे। आइए जानते गार्डनिंग करने से क्या फायदे शरीर को मिलते हैं।
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घटता है तनाव
पौधे न केवल हमारे घर की सुंदरता बढ़ाने का काम करते हैं,बल्कि यह मूड पर भी पॉजिटिव असर डालते हैं। एक शोध में भी सामने आया कि इनडोर प्लांट्स के साथ एक्टिव इंटरेक्शन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम कर सकता है। वहीं, गार्डनिंग भी मूड को हल्का करने और तनाव और एंग्जायटी के स्तर को कम करने में मददगार है।
कैलोरी होती है बर्न
अपने घर के बगीचे में पेड़-पौधे लगाने के लिए घंटों समय बिताना आपको फिजिकली फिट भी रखता है। बागवानी (Gardening) को मोडरेट-इंटेसिटी वाला व्यायाम माना जाता है। सीडीसी के अनुसार, एक घंटे की हल्की बागवानी और यार्ड का काम करके आप लगभग 330 कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
डाइट में होता है सुधार

गार्डनिंग से आपकी डाइट में भी सुधार होता है। जब आप अपने ही घर में सब्जी और फल उगाते हैं तो उसे डाइट में भी शामिल करते हैं और इससे हेल्थ में सुधार होता है। कई रिसर्च में सामने आया है कि फल और सब्जियों से भरपूर आहार हार्ट डिजीज, कैंसर, बीपी जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने का काम करता है।
ब्लड प्रेशर होता है कम

Ncbi की रिपोर्ट के मुताबिक (ref), बागवानी फिजिकल एक्टिविटी को सामाजिक संपर्क और प्रकृति और सूर्य के प्रकाश के संपर्क के साथ जोड़ता है। गर्मियों में सूरज की रोशनी ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ-साथ विटामिन डी के स्तर को भी बढ़ाती है।
खुशी की बढ़ती है भावना
पौधे लगाने के लिए बिताए गए समय से आपका मूड बेहतर होता है। 2017 के मेटा-विश्लेषण ने बागवानी को जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि और मूड गड़बड़ी में कमी से भी जोड़ा।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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