नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है। यह जानकारी सार्वजनिक तौर पर सामने आने के बाद विशेषज्ञ इसे भारत के लिए चिंता का सबब बता रहे हैं। लेकिन भारत पाकिस्तान से कहीं भी पीछे नहीं है। जहां एक और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की खबरें सुर्खियों में हैं तो वहीं भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए अपने सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इससे नौसेना और तटीय सुरक्षा को बल मिलेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो ने सैटेलाइट को लॉन्च स्वदेशी 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M5 के जरिए किया गया, जो भारत की अपनी धरती से लॉन्च किया गया सबसे भारी रॉकेट है। यह उपग्रह लगभग 4,400 किलोग्राम का है और इसे शाम 5:26 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लॉन्च पैड से भेजा गया।
CMS-03 क्या करेगा?
यह कम्युनिकेशन सैटलाइट है, यानी यह भारत में मोबाइल नेटवर्क, टीवी, इंटरनेट और समुद्री संचार को और मजबूत करेगा। पूरे भारत और आसपास के महासागरीय क्षेत्रों को कवर करेगा। यह समुद्री क्षेत्र में कम से कम 15 वर्षों तक सेवाएं प्रदान करेगा।
LVM3-M5 क्यों है बाहुबली ?
इसकी ताकत इतनी ज्यादा है कि यह 4 टन से भारी सैटलाइट को अंतरिक्ष में ले जा सकता है। इसकी ऊचाई 43.5 मीटर है, यानी करीब 15 मंजिला इमारत जितनी ।
LVM3 3 कैसे काम करता है?
इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, LVM-3 तीन स्टेजों में काम करता है। सबसे पहले 5200 बूस्टर, जो कि लॉन्च के वक्त जबरदस्त धक्का देते हैं। फिर दूसरे स्टेज पर IL110 लिक्विड इंजन, बीच के सफर में रफ्तार बढ़ाता है। जबकि तीसरा और अंतिम चरण C25 क्रायोजेनिक इंजन, सैटलाइट को सही कक्षा में पहुंचाता है।
क्या होगा फायदा?
डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी: गांव, पहाड़ और समुद्र के सुदूर इलाकों में नेटवर्क की पहुंच होगी। कॉल, टीवी प्रसारण और ऑनलाइन सेवाएं ज्यादा तेज मिलेंगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधारः जिन इलाको में स्कूल या कॉलेज नहीं है, वहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। गांवों और द्वीपों में लोगो तक डॉक्टर की कनेक्टिविटी होगी।
आपात स्थिति में मददः तूफान, बाढ़ या भूकंप जैसी स्थितियों में भी सपर्क और सदेश सेवा चालू रहेगी। राहत दलों के पास बेहतर सूचना और कोऑर्डिनेशन सिस्टम होगा।
नौसेना और तटीय सुरक्षा को बलः युद्धपोत्, पनडुब्बी और विमान रीयल टाइम सपर्क में रहेंगे। समुद्री सीमाओं पर निगरानी और संचालन अधिक सटीक और सुरक्षित होंगे।
आत्मनिर्भर और सशक्त स्पेसः भारत अब भारी सैटलाइट खुद लॉन्च कर सकेगा, जिससे विदेशी निर्भरता घटेगी। LVM3 रॉकेट भारत को वैश्विक स्पेस जगह दिलाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो ने सैटेलाइट को लॉन्च स्वदेशी 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M5 के जरिए किया गया, जो भारत की अपनी धरती से लॉन्च किया गया सबसे भारी रॉकेट है। यह उपग्रह लगभग 4,400 किलोग्राम का है और इसे शाम 5:26 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लॉन्च पैड से भेजा गया।
CMS-03 क्या करेगा?
यह कम्युनिकेशन सैटलाइट है, यानी यह भारत में मोबाइल नेटवर्क, टीवी, इंटरनेट और समुद्री संचार को और मजबूत करेगा। पूरे भारत और आसपास के महासागरीय क्षेत्रों को कवर करेगा। यह समुद्री क्षेत्र में कम से कम 15 वर्षों तक सेवाएं प्रदान करेगा।
LVM3-M5 क्यों है बाहुबली ?
इसकी ताकत इतनी ज्यादा है कि यह 4 टन से भारी सैटलाइट को अंतरिक्ष में ले जा सकता है। इसकी ऊचाई 43.5 मीटर है, यानी करीब 15 मंजिला इमारत जितनी ।
LVM3 3 कैसे काम करता है?
इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, LVM-3 तीन स्टेजों में काम करता है। सबसे पहले 5200 बूस्टर, जो कि लॉन्च के वक्त जबरदस्त धक्का देते हैं। फिर दूसरे स्टेज पर IL110 लिक्विड इंजन, बीच के सफर में रफ्तार बढ़ाता है। जबकि तीसरा और अंतिम चरण C25 क्रायोजेनिक इंजन, सैटलाइट को सही कक्षा में पहुंचाता है।
Experience #LVM3M5’s mission milestones. Watch the liftoff video and the onboard camera video capturing its ascent from launch to orbit. pic.twitter.com/1jp2G9TyYV
— ISRO (@isro) November 2, 2025
क्या होगा फायदा?
डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी: गांव, पहाड़ और समुद्र के सुदूर इलाकों में नेटवर्क की पहुंच होगी। कॉल, टीवी प्रसारण और ऑनलाइन सेवाएं ज्यादा तेज मिलेंगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधारः जिन इलाको में स्कूल या कॉलेज नहीं है, वहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। गांवों और द्वीपों में लोगो तक डॉक्टर की कनेक्टिविटी होगी।
आपात स्थिति में मददः तूफान, बाढ़ या भूकंप जैसी स्थितियों में भी सपर्क और सदेश सेवा चालू रहेगी। राहत दलों के पास बेहतर सूचना और कोऑर्डिनेशन सिस्टम होगा।
नौसेना और तटीय सुरक्षा को बलः युद्धपोत्, पनडुब्बी और विमान रीयल टाइम सपर्क में रहेंगे। समुद्री सीमाओं पर निगरानी और संचालन अधिक सटीक और सुरक्षित होंगे।
आत्मनिर्भर और सशक्त स्पेसः भारत अब भारी सैटलाइट खुद लॉन्च कर सकेगा, जिससे विदेशी निर्भरता घटेगी। LVM3 रॉकेट भारत को वैश्विक स्पेस जगह दिलाएगा।
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