नई दिल्ली: भारत के तीसरे क्रम के बल्लेबाज साई सुदर्शन ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले टेस्ट शतक तक पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन 87 रन पर आउट होने से उन्हें थोड़ी निराशा हुई। सुदर्शन ने दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन 165 गेंदों में 12 चौकों की मदद से यह पारी खेली। सुदर्शन पहले टेस्ट में (अहमदाबाद में) रन नहीं बना पाए थे, जहां भारत ने वेस्टइंडीज को एक पारी और 140 रन से हराया था।
साई सुदर्शन ने अपने बयान में क्या कहा?सुदर्शन ने टेस्ट में अपनी सबसे बड़ी पारी खेलने के बाद कहा, ‘मैं आज की अपनी पारी के लिए निश्चित रूप से आभारी हूं, लेकिन मन में हमेशा वो छोटी सी ख्वाहिश होती है कि शतक पूरा हो जाये। इसलिए मैं और ज्यादा की उम्मीद कर रहा था।’ इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट पदार्पण करने वाले सुदर्शन ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ दूसरे विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी कर बड़े स्कोर की नींव रखी। जायसवाल 173 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए है।
सुदर्शन ने कहा, ‘यह एक अच्छा योगदान था और यह जायसवाल के साथ एक बेहतरीन साझेदारी रही। मैं इस बार रन बनाने के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था और थोड़ा निडर होकर खेल रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद को थोड़ा और समय दिया और जबरन कुछ करने की कोशिश की जगह चीजों को स्वाभाविक रूप से होने दिया।’
जायसवाल की तारीफ में पढ़े कसीदे उन्होंने जायसवाल की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘उन्हें दूसरी ओर से खेलते देखना वाकई रोमांचक था। वह बहुत अच्छे शॉट्स खेलते हैं और अच्छी गेंदों को भी बाउंड्री में बदल देते हैं। उन्हें देखना बहुत सीखने वाला अनुभव है। इससे मुझे भी अंदाजा हो रहा है कि किन गेंदों पर कौन से शॉट्स खेले जा सकते हैं।’
साई सुदर्शन ने अपने बयान में क्या कहा?सुदर्शन ने टेस्ट में अपनी सबसे बड़ी पारी खेलने के बाद कहा, ‘मैं आज की अपनी पारी के लिए निश्चित रूप से आभारी हूं, लेकिन मन में हमेशा वो छोटी सी ख्वाहिश होती है कि शतक पूरा हो जाये। इसलिए मैं और ज्यादा की उम्मीद कर रहा था।’ इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट पदार्पण करने वाले सुदर्शन ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ दूसरे विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी कर बड़े स्कोर की नींव रखी। जायसवाल 173 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए है।
सुदर्शन ने कहा, ‘यह एक अच्छा योगदान था और यह जायसवाल के साथ एक बेहतरीन साझेदारी रही। मैं इस बार रन बनाने के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था और थोड़ा निडर होकर खेल रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद को थोड़ा और समय दिया और जबरन कुछ करने की कोशिश की जगह चीजों को स्वाभाविक रूप से होने दिया।’
जायसवाल की तारीफ में पढ़े कसीदे उन्होंने जायसवाल की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘उन्हें दूसरी ओर से खेलते देखना वाकई रोमांचक था। वह बहुत अच्छे शॉट्स खेलते हैं और अच्छी गेंदों को भी बाउंड्री में बदल देते हैं। उन्हें देखना बहुत सीखने वाला अनुभव है। इससे मुझे भी अंदाजा हो रहा है कि किन गेंदों पर कौन से शॉट्स खेले जा सकते हैं।’
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