पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में पिंपरी चिंचवड़ में शनिवार को नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने इंद्रायणी नदी के किनारे बने 36 अवैध बंगलों को तोड़ना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई। इन बंगलों को मानसून से पहले गिराना जरूरी था। कोर्ट ने भी पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) को जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई याचिकाइससे पहले शनिवार सुबह पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) के अधिकारी चिखली गांव पहुंचे। उन्होंने बंगलों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया। नगर आयुक्त शेखर सिंह ने बताया कि मानसून में ध्वस्तीकरण अभियान चलाना मुश्किल है। इसलिए अभी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि भूमि और बंगलों के मालिकों ने NGT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने 4 मई को उनकी याचिका खारिज कर दी। साथ ही PCMC को इन बंगलों को तोड़ने का आदेश दिया। क्यों निर्माण हो गया अवैध?स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता तानाजी गंभीरे ने इस परियोजना के खिलाफ NGT में शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि बंगले ब्लू लाइन के अंदर बने हैं। ब्लू लाइन नदी के किनारे का वह क्षेत्र है जहां निर्माण की अनुमति नहीं होती। उनकी याचिका में कहा गया था कि इस जगह पर किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं है। यह परियोजना मेसर्स जेयर वर्ल्ड और मेसर्स वी स्क्वायर की है। जो कि चिखली गांव में है। अवैध निर्माणों को गिराने का आदेश1 जुलाई, 2024 को NGT ने PCMC को अवैध निर्माणों को गिराने का आदेश दिया था। साथ ही बंगला मालिकों से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने को भी कहा था। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम जल्द ही बंगला मालिकों से जुर्माने के 5 करोड़ रुपये भी वसूलेगा।
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