US F-1 Visa: अमेरिका में मई इनटेक में पढ़ने जाने वाले भारतीयों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्हें अभी तक F-1 वीजा (स्टूडेंट वीजा) इंटरव्यू अप्वाइंटमेंट्स नहीं मिल पाई हैं। ऐसा तब हो रहा है, जब नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने ऐलान किया था कि हजारों अतिरिक्त वीजा स्लॉट जारी किए गए हैं। मगर सभी वीजा स्लॉट्स उपलब्ध होने के साथ ही मिनटों में खत्म हो गए। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद जैसे शहरों के बच्चं को वीजा इंटरव्यू वेटिंग टाइम से ज्यादा परेशान होना पड़ा है।हैदराबाद में वीजा इंटरव्यू वेटिंग टाइम दो महीने से ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा 75 दिनों का वेटिंग टाइम है। दूसरे शहरों में भी देरी हो रही है। कोलकाता और नई दिल्ली में 60 दिनों से ज्यादा और चेन्नई में लगभग 45 दिनों का वेटिंग टाइम है। स्टूडेंट वीजा लेने के लिए अमेरिकी दूतावास जाकर इंटरव्यू देना पड़ता है, जिसमें सेलेक्ट होने पर वीजा मिलता है। इंटरव्यू के लिए अप्वाइंटमेंट बुक करने की जरूरत पड़ती है। मौजूदा समय में वेटिंग टाइम बढ़ने से अप्वाइंटमेंट के लिए छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जून तक पहुंचना है, समझ नहीं आ रहा क्या करूं: भारतीय छात्रहैदराबाद के रहने वाले रणधीर के. डेटा साइंस में मास्टर्स करना चाहते हैं। उन्होंने टीओआई को बताया, "मुझे जून के पहले हफ्ते तक पहुंचना है। लेकिन मुझे अभी तक इंटरव्यू की डेट भी नहीं मिली है। मेरे कंसल्टेंट को भी ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे अपना I20 मिल गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करूं।" I20 एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है, जिसे अमेरिकी कॉलेज-यूनिवर्सिटी की तरफ से दिया जाता है। इससे पता चलता है कि छात्र को वहां पढ़ने के लिए एडमिशन मिल गया है। पांच या दस ही स्लॉट खुल रहे: भारतीय छात्रऐसी ही कहानी महेंद्र बी. की है, जो न्यूयॉर्क में डेटा साइंस में मास्टर्स करना चाहते हैं। उन्होंने बताया, "चेन्नई में वेटिंग टाइम एक महीने से थोड़ा ज्यादा है। लेकिन, जब वे स्लॉट खोलते हैं, तो वे सिर्फ पांच या दस ही होते हैं। वो भी अगले दिन के लिए। उन्हें पकड़ना नामुमकिन है। मैं दो महीने से इंतजार कर रहा हूं। मुझे नहीं पता कि मैं समय पर कैसे पहुंच पाऊंगा।" स्लॉट मिलने पर हो रहा वीजा रिजेक्ट: कंसल्टेंटहैदराबाद के लोकल कंसल्टेंसी ने भी डिले की पुष्टि की है। उनका कहना है कि स्लॉट की कमी होना आम बात है। लेकिन छात्र आमतौर पर डिपार्चर से कम से कम एक महीने पहले अप्वाइंटमेंट पा जाते थे। इस साल, कई स्टूडेंट्स बिना किसी कंफर्म इंटरव्यू के ही डिपार्चर विंडो में एंटर कर रहे हैं। एक रजिस्टर्ड कंसल्टेंसी के अरविंद मंडुवा ने बताया, "हमारे पास भी ज्यादा जानकारी नहीं है। जिनको स्लॉट मिल रहा है, उनमें से ज्यादातर के वीजा रिजेक्ट हो रहे हैं। जनवरी का सेशन हमारे लिए सबसे खराब था और यह सेशन भी कुछ अलग नहीं दिख रहा है। जून तक जाने वाले 300 से ज्यादा छात्र वीजा स्लॉट का इंतजार कर रहे हैं।"
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