अगली ख़बर
Newszop

'तेजस्वी यादव आसमान में उड़ रहे हो... जनता जमीन पर सुला देगी', सीमांचल को लेकर ओवैसी ने किया RJD को खुला चैलेंज, जानें

Send Push
किशनगंज : बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किशनगंज पहुंचे ओवैसी ने तेजस्वी यादव को चैलेंज किया। उन्होंने अपने अंदाज में लोगों को संबोधित किया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी यादव आजकल तुम आसमान पर उड़ रहे हो। बहुत जल्द जमीन पर आओगे। उन्होंने कहा कि आसमान पर उड़ने वाले जमीन पर आते हैं। तुम्हें सीमांचल की जनता जमीन पर सुलाने का काम करेगी। इस दौरान ओवैसी ने एक गांव में जाने और वहां के बच्चों के मुंह से पतंग छाप। पतंग छाप का नारा निकलने पर छोटी सी कहानी सुनाई। ओवैसी ने पलायन को लेकर भी सरकार से सवाल किया।

ओवैसी का आरजेडी को चैलेंज
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहुत दूर दराज के गांव में हम गए। आठ साल और सात साल के बच्चे, हम नमाज पढ़ने गए थे। जब हम बाहर निकले, तो हमारी बहनें और माएं खड़ी हुई थीं। गांव के नौजवान तो बेचारे पलायन कर चुके हैं। बच्चे आठ साल के बोले। पतंग छाप। पतंग छाप। पतंग छाप। तेजस्वी यादव देख लिया तुमने, आठ साल का बच्चा देखकर बोल रहा है, पतंग छाप। पतंग छाप। मगर तुम तो आसमान में उड़ रहे हो, तुम तो जमीन पर कहां आवोगे। आवोगे तुम जमीन पर। इंसाअल्लाह। सीमांचल की जनता तुम्हे जमीन पर सुलाएगी। इंसाअल्लाह। अब सीमांचल से नाइंसाफी नहीं होगी। मैं आपसे वादा कर रहा हूं, कोचाधामन में। बहादुरगंज और टेढ़ागाछ के लिए एक ब्रिज की जरूरत है, ताकि विशनपुर के मार्केट को फायदा हो सके। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे सरवर आलम साहब वो काम कराएंगे। यहां पर कई रोड की जरूरत है। कई काम होना बाकी है। वो तमाम काम किया जाएगा। पतंग छाप जिंदाबाद।

सीमांचल में ओवैसी की पकड़
2020 में, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश किया और पारंपरिक रूप से राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मिलने वाले मुस्लिम वोटों को विभाजित कर दिया। AIMIM ने जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से पांच पर जीत हासिल की, जिनमें से ज़्यादातर सीमांचल में थीं, जिससे विपक्षी वोटों को विभाजित करके NDA को बहुमत हासिल करने में मदद मिली। एआईएमआईएम की बढ़त ने राजनीतिक प्रतिष्ठान को तो चौंका ही दिया, उसके पांच में से चार विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए, जिससे पार्टी की विश्वसनीयता को धक्का लगा। फिर भी, ओवैसी की मुखर पहचान-आधारित राजनीति ने मुस्लिम युवाओं के एक वर्ग को, खासकर किशनगंज और अररिया में, प्रभावित किया।


मुस्लिम वोटरों को पसंद ओवैसी
हालांकि एआईएमआईएम की मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों में स्वीकार्यता बढ़ रही है, फिर भी इसकी भूमिका और प्रभाव को लेकर राय विभाजित है। एक राय यह है कि यह पार्टी वोटकटवा का काम करती है, मुस्लिम वोटों को बाँटती है और अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की मदद करती है। हालाँकि, कुछ अन्य लोगों का तर्क है कि मुस्लिम पहचान और राजनीतिक चेतना को स्थापित करने के लिए असदुद्दीन ओवैसी के प्रयास ज़रूरी हैं। इस बार भी, मजलिस पार्टी बिहार में चुनाव लड़ रही है। ओवैसी कथित तौर पर महागठबंधन के साथ गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव ने इनकार कर दिया। इसके बाद, ओवैसी ने चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी (ASP) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ा। सीमांचल क्षेत्र में अहम सवाल यह है कि क्या ओवैसी एक बार फिर वोटों के बंटवारे की भूमिका निभाएंगे।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें