झालावाड़: राजस्थान के चेरापूंजी झालावाड़ में पिछले दो दिनों से आंखों से आंसू बहने से बंद नहीं हो रहे। जिले के पीपलोदी गांव में स्कूल हादसे के बाद से पीड़ित परिवारों के आंसू सूख नहीं रहे। शुक्रवार को स्कूल हादसे में मारे गए मासूम बच्चों के शवों का आज शनिवार को अंतिम संस्कार हुआ, तो राखी के पहले घर से निकली सगे भाई-बहन की अर्थी ने पूरे गांव को रुला कर रख दिया। मीना और कान्हा बहन-भाई की मौत के बाद उनकी मां के घर का आंगन हमेशा के लिए सूना पड़ गया। अपने जिगर के टुकड़ों को खोने वाले परिवार गम जदा हैं। पूरे गांव में शोक की लहर है। सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत हो गई। जबकि 27 बच्चों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
एक अर्थी पर सगे भाई-बहन के शवगांव में आज 6 शवों का अंतिम संस्कार एक साथ किया। परिजन अपने बच्चों को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए। गांव की गलियों में रोते-बिलखते परिजनों की आवाजें सुनाई दी। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों के साथ पुलिस के जवान भी शामिल हुए। सगे भाई कान्हा और बहन मीना को एक ही अर्थी पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया है।
हादसे की जांच के आदेश
हादसे के बाद से गांव में चूल्हे नहीं जले। परिजन और गांव वाले अभी भी सदमे में हैं। गांव में शोक की लहर है और हर कोई अपने-अपने तरीके से पीड़ित परिवारों की मदद करने की कोशिश कर रहा है।
सरकार ने इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी करते हुए मनोहर थाना ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है।
स्कूल चिह्नित किया गया होता तो...हादसा नहीं होतापूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तो यहां तक कहा है, कि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रदेश के ऐसे स्कूलों को पहले ही चिन्हित कर लेते और बच्चों को अन्यत्र किसी सुरक्षित भवन में शिफ्ट कर देता तो हमारे ये बच्चे काल का ग्रास नहीं बनते। यह घटना दर्दनाक है। हमारे परिवार के 7 स्कूली बच्चों को भगवान ने हमसे छीना है। जबकि हादसे में 27 बच्चे घायल हो गए हैं।
एक अर्थी पर सगे भाई-बहन के शवगांव में आज 6 शवों का अंतिम संस्कार एक साथ किया। परिजन अपने बच्चों को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए। गांव की गलियों में रोते-बिलखते परिजनों की आवाजें सुनाई दी। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों के साथ पुलिस के जवान भी शामिल हुए। सगे भाई कान्हा और बहन मीना को एक ही अर्थी पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया है।
हादसे की जांच के आदेश
हादसे के बाद से गांव में चूल्हे नहीं जले। परिजन और गांव वाले अभी भी सदमे में हैं। गांव में शोक की लहर है और हर कोई अपने-अपने तरीके से पीड़ित परिवारों की मदद करने की कोशिश कर रहा है।
सरकार ने इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी करते हुए मनोहर थाना ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है।
स्कूल चिह्नित किया गया होता तो...हादसा नहीं होतापूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तो यहां तक कहा है, कि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रदेश के ऐसे स्कूलों को पहले ही चिन्हित कर लेते और बच्चों को अन्यत्र किसी सुरक्षित भवन में शिफ्ट कर देता तो हमारे ये बच्चे काल का ग्रास नहीं बनते। यह घटना दर्दनाक है। हमारे परिवार के 7 स्कूली बच्चों को भगवान ने हमसे छीना है। जबकि हादसे में 27 बच्चे घायल हो गए हैं।
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